राजस्थान चुनाव: BJP-कांग्रेस के बागियों ने 50 सीटों पर मुकाबले बनाया त्रिकोणीय, बिगड़ सकते हैं समीकरण

By भाषा | Published: November 23, 2018 07:31 PM2018-11-23T19:31:53+5:302018-11-23T19:31:53+5:30

भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियां अपने वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप के बावजूद बागी हुए नेताओं को मनाने में विफल रहीं और नाम वापसी की अंतिम तारीख बृहस्पतिवार को निकल गई।

rajasthan elections 2018: bjp and congress 50 seats triangular contest | राजस्थान चुनाव: BJP-कांग्रेस के बागियों ने 50 सीटों पर मुकाबले बनाया त्रिकोणीय, बिगड़ सकते हैं समीकरण

राजस्थान चुनाव: BJP-कांग्रेस के बागियों ने 50 सीटों पर मुकाबले बनाया त्रिकोणीय, बिगड़ सकते हैं समीकरण

भाजपा और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बागी बन चुनावी मैदान में उतरे कई उम्मीदवारों ने राज्य की 200 में से 50 से अधिक विधानसभा सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

दोनों पार्टियां अपने वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप के बावजूद बागी हुए नेताओं को मनाने में विफल रहीं और नाम वापसी की अंतिम तारीख बृहस्पतिवार को निकल गई। पार्टी की टिकट नहीं मिलने पर बागी हुए भाजपा के प्रमुख उम्मीदवारों में चार मंत्री सुरेंद्र गोयल (जैतारण), हेम सिंह भडाना (थानागाजी), राजकुमार रिणवा (रतनगढ़) व धन सिंह रावत (बांसवाड़ा) हैं। इसके अलावा, भाजपा के मौजूदा विधायक नवनीत लाल निनामा (डूंगरपुर), किशनाराम नाई (श्रीडूंगरगढ़) तथा अनिता कटारा (सांगवाड़ा) शामिल है।

इसके साथ ही भाजपा के बड़े नेता, जैसे राधेश्याम (गंगानगर), पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे (मारवाड़ जंक्शन), दीनदयाल कुमावत (फुलेरा) ने भी अपनी-अपनी सीटों पर मामले को कड़ा कर दिया है।

इस बीच, भाजपा ने बागियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए बृहस्पतिवार की देर रात अपने 11 बागी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निकाल दिया। निकाले गए नेताओं में राज्य के चार मौजूदा मंत्री भी शामिल हैं। पार्टी का कहना है कि आधिकारिक प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण इन नेताओं को निकाला गया है।

भाजपा ने अपने मंत्रियों को पार्टी से तो निष्कासित किया है लेकिन उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाया है। भाजपा एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीते दो-तीन दिन लगातार बागियों को मनाने की कोशिश करते रहे। इन प्रयासों के तहत भाजपा अपने विधायक ज्ञानदेव आहूजा, भवानी सिंह राजावत, तरूण राय कागा व अलका गुर्जर को मनाने में सफल रही।

वहीं, कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने पर बागी हुए प्रमुख नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री माधन सिंह खंडेला, राज्य के पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर (दुदू), पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया (किशनगढ़) व अन्य शामिल हैं जो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं।

बागियों के निष्कासन पर केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पार्टी ने सामान्य प्रक्रिया के तहत अपने कुछ नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। उन्होंने विश्वास जताया, ‘‘बागी उम्मीदवारों से कोई असर नहीं होगा और हम अधिकांश सीटें जीतेंगे।’’ बागियों के साथ कई सीटों पर बसपा जैसे दलों के या निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। राज्य में 200 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को मतदान होगा।

Web Title: rajasthan elections 2018: bjp and congress 50 seats triangular contest

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