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Rajasthan Crisis: केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस के आंतरिक कलह पर कहा, "कोई भी नेता पार्टी का बहादुरशाह ज़फ़र बनने के लिए तैयार नहीं है?"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 27, 2022 17:06 IST

राजस्थान कांग्रेस में चल रहे आंतरिक टकराव पर हमला करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कोई भी कांग्रेस का बहादुर शाह जफर नहीं बनना चाहता है।

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ठळक मुद्देयूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने राजस्थान कांग्रेस की उठा-पटक पर किया तीखा व्यंग्य केशव मौर्य ने कहा, कांग्रेस का कोई भी नेता पार्टी का बहादुरशाह ज़फ़र बनने के लिए तैयार नहीं हैइससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कांग्रेस गांधी परिवार की कमान से बाहर हो चुकी है

लखनऊ: योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने राजस्थानकांग्रेस में चल रहे आंतरिक टकराव पर एक बार फिर निशाना साधा है। केशव मौर्य बीते दो दिनों से राजस्थान की सियासत को लेकर ट्विटर पर खासे सक्रिय हैं और लगातार कांग्रेस को घेरने के लिए ट्वीट कर रहे हैं।

गहलोत खेमे के विधायक सीएम पद पर सचिन पायलट को स्वीकार नहीं कर रहे हैं और इस बात को लेकर दिल्ली से राजस्थान तक कांग्रेस पार्टी में खासा बवाल मचा हुआ है। इस कारण से न केवल केशव प्रसाद मौर्य बल्कि भाजपा के अन्य कई नेता भी पूरे प्रकरण को कांग्रेस का आंतरिक मामला मानते हुए भी हमला करने से चूक नहीं रहे हैं।

केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस को घेरते हुए जो ट्वीट किया है। उसमें उन्होंने कहा, "कांग्रेस का कोई भी नेता पार्टी का बहादुरशाह ज़फ़र बनने के लिए तैयार नहीं है?"

ट्वीट में डिप्टी सीएम मौर्य ने कांग्रेस का उपहास करने के लिए उस बहादुर शाह जफर का उल्लेख किया है, जो मुगल साम्राज्य के आखिरी शासक थे और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1857 की हुई क्रांति का नेतृत्व किया था। लेकिन बाद में अंग्रेजों ने उन्हें कैद कर लिया था और रंगून भेज दिया था, जहां जेल में उनकी मौत हो गई थी।

इस तरह से जब मुगल शासन का पतन हुआ तो बहादुर शाह जफर उसके अंतिम शासक थे। बहादुर शाह जफर से केशव प्रसाद मौर्य का आशय कांग्रेस के पतन से है। वहीं बीते सोमवार को भी केशव प्रसाद मौर्य ने ट्विट करते हुए कहा था कि कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार की कमान से बाहर हो चुकी है।

मालूम हो कि राजस्थान में कांग्रेस का आतंरिक कलह उस समय सार्वजनिक हो गया, जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष के संभावित दावेदारी के बाद सीएम पद छोड़ने की अटकलों के बीच करीब 90 से ज्यादा विधायकों ने बगावत कर दिया था।

सभी बागी विधायक अशोक गहलोत खेमे के माने जा रहे थे लेकिन कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की सख्ती के बाद बागवती विधायकों के सुर बदलने लगे हैं और अब वो बतौर सीएम सचिन पायलट को स्वीकार करने की बात भी कर रहे हैं।

वहीं इन घटनाओं के बीच सचिन पायलट जयपुर से दिल्ली पहुंच गये हैं। माना जा रहा है कि पायलट और सोनिया गांधी के बीच मुलाकात होने वाली है। जिसमें राजस्थान के सियासी उठापटक पर व्यापक चर्चा होगी और उसके बाद  कांग्रेस प्रमुख किसी निर्णयाक स्थिति में पहुंचने का प्रयास करेंगी। इसके अलावा सोनिया गांधी को राजस्थान गये दो पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन के लिखित रिपोर्ट का भी इंतजार है।

इस बीच खबर यह भी है कि सोनिया गांधी ने केरल से एके एंटनी को भी दिल्ली बुलाया। जिनके आज रात तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी कमलनाथ, एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल के साथ गहलोत खेमे की ओर से की गई बगावत पर चर्चा करेंगी।  

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