जयपुरः कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश में 3 मई तक लॉकडाउन है इसके बावजूद भी संक्रमण के लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं। राजस्थान में मंगलवार (21 अप्रैल) को कोरोना वायरस के 52 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद प्रदेश में कुल कोविड-19 के मामले 1628 हो गए हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में 52 COVID19 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 4 भीलवाड़ा में, 2 दौसा में, 2 जैसलमेर में, 2 टोंक में, 34 जयपुर में, एक झुंझुनू में, एक नागौर में और एक सवाई माधोपुर में और पांच जोधपुर में मामले दर्ज किए गए हैं।
बताया गया है कि राज्य में अबतक 56 हजार, 332 सैंपल लिए गए हैं, जिसमें से कुल पॉजिटिव मामले 1628 आए हैं। इसके अलावा 25 लोगों की मौतें हुई हैं और 205 लोग ठीक हो गए हैं। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के साथ साथ 61 वे लोग भी हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है। राज्यभर में 22 मार्च से लॉकडाउन है और अनेक थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।
इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे राजस्थान के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की कोई राह निकाले। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूर मानसिक रूप से टूट चुके हैं और वे एक बार अपने घर लौटना चाहते हैं। केंद्र को उनकी पीड़ा को समझते हुए उनकी घर वापसी के बारे में कोई फैसला करना चाहिए। गहलोत ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से टेलीफोन पर बात की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बाद, असम, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात की राज्य सरकारें भी कोटा से अपने-अपने राज्यों के छात्रों को ले जाने के लिए सहमत हुई हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने 250 बसों में कोटा के विभिन्न कोचिंग सेंटरों में इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को निकालकर उनके घरों तक पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि कोटा में 4000 छात्र हैं जो राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से हैं और उन्हें भी उनके घर भेजने की व्यवस्था भी की जा रही है।