इन वजह से राजस्थान में कांग्रेस सरकार का सियासी तख्ता-पलट आसान नहीं है?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: July 12, 2019 08:40 PM2019-07-12T20:40:43+5:302019-07-12T20:40:43+5:30

राजस्थान में कांग्रेस के पास 100 और बीजेपी के पास 73 एमएलए हैं, लेकिन कांग्रेस को यहां पर 10 से अधिक निर्दलीय विधायक भी समर्थन दे रहे हैं, यही नहीं, बीएसपी का भी सरकार को समर्थन प्राप्त है. 

rajasthan congress government political crisis ashok gehlot bjp plan | इन वजह से राजस्थान में कांग्रेस सरकार का सियासी तख्ता-पलट आसान नहीं है?

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Highlightsकर्नाटक और गोवा में जिस तरह से कांग्रेस के विधायक टूटे हैं उसके मद्देनजर राजस्थान में भी कांग्रेस की चिंता संभव है, लेकिन कुछ कारणों से राजस्थान में कांग्रेस सरकार का सियासी तख्ता-पलट आसान नहीं है.सबसे पहला कारण है राजस्थान में कांग्रेस विधायकों का संख्याबल. दूसरा बड़ा सवाल बीजेपी में नेतृत्व का है. इस वक्त भी बीजेपी में सबसे प्रभावी नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही हैं.

कर्नाटक और गोवा में जिस तरह से कांग्रेस के विधायक टूटे हैं उसके मद्देनजर राजस्थान में भी कांग्रेस की चिंता संभव है, लेकिन कुछ कारणों से राजस्थान में कांग्रेस सरकार का सियासी तख्ता-पलट आसान नहीं है. सबसे पहला कारण है राजस्थान में कांग्रेस विधायकों का संख्याबल. दो सौ सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 101 है. 

यहां कांग्रेस के पास 100 और बीजेपी के पास 73 एमएलए हैं, लेकिन कांग्रेस को यहां पर 10 से अधिक निर्दलीय विधायक भी समर्थन दे रहे हैं, यही नहीं, बीएसपी का भी सरकार को समर्थन प्राप्त है. 

दूसरा बड़ा सवाल बीजेपी में नेतृत्व का है. इस वक्त भी बीजेपी में सबसे प्रभावी नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही हैं. यदि केन्द्र का समर्थन प्राप्त हो तो वे इस तरह की सियासी तोड़फोड़ को कामयाब कर सकतीं  हैं, परन्तु राजे और शाह के सियासी संबंध जगजाहिर हैं, लिहाजा भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व उनके नाम पर शायद ही राजी हो. यदि सीएम के लिए और कोई नाम सामने आता है, तो उसके लिए वसुंधरा राजे का समर्थन हांसिल करना मुश्किल है.

तीसरा, सीएम अशोक गहलोत खुद ऐसी सियासी तोड़फोड़ से निपटने में सक्षम हैं. याद रहे, गुजरात, कर्नाटक आदि राज्यों में पूर्व में जब ऐसी ही राजनीतिक तोड़फोड़ की कोशिशें की गई थीं, तब उन्हें नाकामयाब करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.

राजस्थान में बीजेपी के समर्थन में एक ही बड़ा मुद्दा है- कांग्रेस में गुटबाजी. यह राजस्थान में कांग्रेस का सबसे पुराना राजनीतिक रोग है और इसके कारण कई बार कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा है.

देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भी कांग्रेस की गुटबाजी के कारण राजस्थान की जीती हुई बाजी कांग्रेस के हाथ से निकल जाएगी?

Web Title: rajasthan congress government political crisis ashok gehlot bjp plan

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