राजस्थान कांग्रेस भले ही जीती है चुनाव, लेकिन आगे आसान नहीं है पार्टी की राह!
By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 14, 2018 09:27 AM2018-12-14T09:27:48+5:302018-12-14T12:36:42+5:30
पिछली बार लोकसभा चुनाव में राजस्थान से 25 में से 25 सीटें भाजपा जीत गई थी. इस बार कांग्रेस कितनी सीटें जीत पाती है, यह प्रदेश सरकार के कामकाज और जनता के भरोसे पर निर्भर है.
राजस्थान में कांग्रेस चुनाव जीत चुकी है, सरकार भी बन रही है, लेकिन चुनावी नतीजों के आंकड़े बताते हैं कि आगे की राह इतनी आसान नहीं है, क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस जीती जरूर है, परन्तु भाजपा पूरी तरह से हारी नहीं है. चुनावी नतीजों के आंकड़े बताते हैं कि भले ही सीटों के लिहाज से कांग्रेस को 99 और भाजपा को 73 सीटे मिली हों, किन्तु मतप्रतिशत में कांग्रेस-भाजपा में ज्यादा अंतर नहीं है. जहां कांग्रेस को 39.3 प्रतिशत मत मिले हैं, वहीं भाजपा को 38.8 प्रतिशत वोट मिले हैं.
यह तो हुई मत प्रतिशत की बात, असली मुद्दे तो जनता की उम्मीदों और जरूरत से जुड़े हैं. सबसे बड़ा मुद्दा किसानों की कर्ज माफी का है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जो दस दिन में कर्ज माफी के लिए कहा है, उसे प्रायोगिक रूप देना इतना आसान नहीं है. यही नहीं, इधर तो सरकारी कामकाज शुरू ही नहीं हुआ है और सोशल मीडिया पर विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस को घेरने की भाजपाई मुहिम शुरू भी हो गई है.
विस चुनाव होने तक तो कांग्रेस की गुटबाजी दबी रही, परन्तु चुनाव होते ही यह फिर से उभर कर सामने आ गई है, जो सीएम के चयन में सबके सामने अपना असर दिखा रही है. इस बार राजस्थान में कांग्रेस ने सारे बड़े नेताओं को चुनाव में उतार दिया और अधिकतर चुनाव जीत भी गए, परन्तु इन्हें अनुशासन में बांधे रखना थोड़ा मुश्किल है.
इस बार कांग्रेस को जो समर्थन मिला है, वह भाजपा से नाराजगी का नतीजा है. इसलिए इस नकारात्मक समर्थन को सकारात्मक समर्थन में बदलना बहुत बड़ी चुनौती है.
कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कुछ माह बाद लोकसभा चुनाव हैं और उसमें ज्यादा-से-ज्यादा सीटें जीतना इसलिए आवश्यक है कि यदि यहां से कांग्रेस ज्यादा सीटें जीत नहीं पाई तो राहुल गांधी केन्द्र में अपना दबदबा कायम नहीं कर पाएंगे.
पिछली बार लोकसभा चुनाव में राजस्थान से 25 में से 25 सीटें भाजपा जीत गई थी. इस बार कांग्रेस कितनी सीटें जीत पाती है, यह प्रदेश सरकार के कामकाज और जनता के भरोसे पर निर्भर है. इसीलिए कहा जा रहा है कि कांग्रेस राजस्थान का विस चुनाव तो जीत गई, लेकिन आगे का राजनीतिक रास्ता कांग्रेस के लिए आसान नहीं है.