जयपुरः राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा ऐलान किया। राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में होने वाला है। गहलोत ने विधानसभा में 19 नए जिले और 3 संभाग बनाने की घोषणा की। इस तरह राज्य में कुल जिलों की संख्या 50 और संभाग की संख्या 10 हो गए।
मुख्यमंत्री गहलोत ने अनूपगढ, बालोतरा, ब्यावर, डीग डीडवाना, कुचामनसिटी, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पश्चिम, केकडी, कोटपूतली, खैरथल, नीमकाथाना, फलौदी, सलूंबर, सांचौर, शाहपुरा- भीलवाडा को नये जिले बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि 19 नये जिलों के बाद प्रदेश में कुल 50 जिले हो जायेंगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमें राज्य में कुछ नए जिलों के गठन की मांगें मिलीं। हमने इन प्रस्तावों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था और हमें अंतिम रिपोर्ट मिल गई है, मैं अब राज्य में नए जिलों के गठन की घोषणा करता हूं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी साल में घोषणा पर घोषणा की। 250 से अधिक आबादी वाले इलाके में सड़क बनाया जाएगा। आमेर सहित कई जगह नए कॉलेज खोले जाएंगे। 500 प्राइमरी स्कूल को उच्च विद्यालय में पदोन्नत किया जाएगा। पुजारियों को भी मानदेय दिया जाएगा।
उन्होंने अविलंब कार्यान्वयन के लिए पहले चरण में बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया। गहलोत ने शुक्रवार को वित्त विनियोग विधेयक (बजट) पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रभावी, पारदर्शी और संवेदनशील प्रशासन देना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है।
राज्य सरकार ने विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है और ऐसे में हर गांव और ढाणी में ये योजनाएं पहुंचती हैं, इसके लिए जिला स्तर पर पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है और कुछ स्थानों की जिला मुख्यालय से दूरी 100 किलोमीटर से अधिक है इसलिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गहलोत ने कहा, ‘‘छोटे जिलों से प्रभावी प्रशासन, प्रबंधन और कानून व्यवस्था पर नियंत्रण आसान हो जाता है। देश के विभिन्न राज्य नए जिले बनाने में आगे रहे हैं और हाल ही में पश्चिम बंगाल ने सात नये जिले बनाये हैं। इसलिए, राज्य के भीतर नए जिले बनाने की मांग थी।’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश से कई स्थानों से नये जिले बनाने की मांग प्राप्त हुई है और सरकार ने इन प्रस्तावों का विस्तृत अध्ययन करने के लिये उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था जिसकी अंतरिम रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। इस विषय में प्राप्त समस्त प्रस्तावों प्रदेश की वर्तमान प्रशासनिक ईकाइयों की संरचना का विस्तृत अध्ययन एवं विवेचना के बाद प्रदेश में 19 नये जिले बनाने की घोषणा की है।
इन सभी का प्रदेश मुख्यालय से संपर्क संभागीय मुख्यालयों के माध्यम से होता है इसलिये इस प्रबंध को सुदृढ़ करने की दृष्टि से प्रदेश में तीन नये संभाग बांसवाड़ा, पाली, और सीकर बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा इन नवीन जिला एवं संभागीय ईकाइयों को अविलंब धरातल पर उतारने के लिये सुदृढ़ आधारभूत ढांचा मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिये प्रथम चरण में 2,000 करोड रुपये का व्यय करना प्रस्तावित है। उन्होंने 75 साल से ज्यादा उम्र के राज्य पेंशनभोगियों की पेंशन में 10 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों को पेंशन राशि में वृद्धि का लाभ प्राप्त होता है। आयु बढ़ने के साथ ही अतिरिक्त वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों को पेंशन राशि में मूल पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ते की घोषणा की है।’’
गहलोत ने उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर जयपुर के गोविंददेव जी मंदिर में कॉरिडोर बनाने घोषणा की और इस कार्य के लिये 100 करोड रुपये का प्रावधान किया। उन्होंने पुष्कर, त्रिपुरा सुंदरी, सांवलियाजी, सालासर, खोले के हनुमान मंदिर, तनोट माता, श्रीनाथ जी, कैला देवी वीर तेजाजी, एकलिंग जी जैसे प्रसिद्ध मंदिरों के विकास के लिये डीपीआर बनाने की घोषणा की। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक अमीन खां को वर्ष 2022 और अनिता भदेल को वर्ष 2023 का सर्वश्रेष्ठ विधायक घोषित किया है। इन विधायकों को 20 मार्च को सम्मानित किया जायेगा।