राजस्थान चुनावः सीटों में मामूली फासला रहने पर BJP के सरकार बनाने के चांस अधिक
By धीरेंद्र जैन | Published: December 10, 2018 05:36 AM2018-12-10T05:36:40+5:302018-12-10T05:36:40+5:30
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी कहा कि प्रदेश की जनता ने इस बार फिर से दिल खोलकर भाजपा को वोट दिया है। प्रदेश में गत पांच साल में जिस प्रकार के विकास कार्य हुए हैं उससे प्रदेश की की जनता ने वसुन्धरा राजे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए चाव से भाजपा को वोट दिया है।
एग्जिट पोल के अनुमानों को सिरे से खारिज करते हुए प्रदेश भाजपा ने दावा किया कि राजस्थान में फिर से भाजपा की ही सरकार बनाने जा रही हैं। भाजपा के एक प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश की जनता ने वसुन्धरा सरकार के कामों को देखते हुए 7 दिसम्बर को दिल से भाजपा के पक्ष में मतदान किया है इसलिए भाजपा को फिर से सरकार बनाने में कहीं भी किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदनलाल सैनी ने भी कहा कि प्रदेश की जनता ने इस बार फिर से दिल खोलकर भाजपा को वोट दिया है। प्रदेश में गत पांच साल में जिस प्रकार के विकास कार्य हुए हैं उससे प्रदेश की की जनता ने वसुन्धरा राजे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए चाव से भाजपा को वोट दिया है। इसलिए प्रदेश में भाजपा की सरकार होगी इसमें लेश मात्र भी संदेह नहीं है।
उधर, राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अगर प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और भाजपा के बीच 10-15 सीटों का फासला रहा तो भाजपा सरकार बनाने में अपनी कोई कोर कसर नहीं छोड़गी क्योंकि इतिहास साक्षी है कि जोड़-तोड़ बिठाने में न केवल प्रदेश भाजपा के नेता बल्कि केन्द्रीय नेता भी काफी माहिर हैं और वे सरकार बनाने के लिए अंतिम समय तक भरपूर प्रयास करते हैं।
चूंकि अगले साल ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में प्रदेश में भाजपा की लहर को कायम रखने के लिए भाजपा की सरकार बने इस हेतु भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसलिए अगर भाजपा और कांग्रेस में सीटों को मामूली अंतर रहा तो भाजपा के सरकार बनाने के अधिक आसार बताये जा रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं और शाह जिस तरह से अगले लोकसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश में पूरी ताकत से जुटे हुए हैं उसे देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि कम अन्तर रहने पर प्रदेश में भाजपा की सरकार के अधिक अवसर रहेंगे।
क्योंकि वे जानते हैं कि अगले साल लोकसभा चुनाव में पार्टी को तब ही सफलता मिल सकती है जब प्रदेश में भाजपा की सरकार हो इसलिए उनका मानना है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच सीटों के मामूली अन्तर होने की दशा में भाजपा ही सरकार बनाने की उम्मीद है।