राजस्थान चुनाव फ्लैश बैक: क्या राजेश पायलट का सपना साकार करेंगे सचिन पायलट!

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 6, 2018 08:23 AM2018-11-06T08:23:06+5:302018-11-06T08:23:06+5:30

Rajasthan Assembly Election 2018: राजेश पायलेट के बेटे सचिन पायलट की सियासी पारी 26 साल की उम्र में शुरू हुई, जब वे राजस्थान में राजेश पायलट की परंपरागत- दौसा सीट से 14 वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए.

Rajasthan Assembly Election 2018: Will Sachin Pilot Fulfill exceptions of Rajesh Piolt | राजस्थान चुनाव फ्लैश बैक: क्या राजेश पायलट का सपना साकार करेंगे सचिन पायलट!

राजस्थान चुनाव फ्लैश बैक: क्या राजेश पायलट का सपना साकार करेंगे सचिन पायलट!

जयपुर, 06 नवंबर: राजेश पायलट के समर्थक चाहते थे कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने, लेकिन केवल 55 वर्ष की उम्र में एक सड़क दुर्घटना में उनका असामियक निधन हो गया. उस समय गाड़ी को वे खुद ड्राइव कर रहे थे. राजेश पायलट तो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के खिलाफ बागपत से चुनाव लड़ना चाहते थे, परंतु उनकी राजनीतिक पारी राजस्थान के भरतपुर से शुरू हुई जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर संजय गांधी ने उन्हें भरतपुर से चुनाव लड़ने के लिए कहा. इसके बाद तो उनका सियासी कद लगातार बड़ता ही चला गया. राजेश पायलट दबंग राजनेता थे. जब हरिदेव जोशी राजस्थान के मुख्यमंत्री थे तब बांसवाडा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र से तत्कालीन कांग्रेस सांसद प्रभुलाल रावत ने उन्हें जोशी के गृह जिले बांसवाड़ा आने का न्यौता दिया.

राजेश पायलट ने स्वीकृति दे दी, लेकिन जब इसकी जानकारी जोशी को मिली तो विवाद खड़ा हो गया. तब जोशी का सियासी कद इतना बड़ा था कि उनकी मर्जी के बगैर बांसवाड़ा में कांग्रेस का कोई पत्ता भी नहीं हिलता था. राजेश पायलट पर दबाव था कि वे बांसवाड़ा नहीं जाएं, परंतु वे गए. यह बात अलग है कि सभा के लिए निर्धारित समय और स्थान पर राजेश पायलेट के विमान को उतरने के लिए निर्देश मिलने में बहुत देरी हुई और विमान निर्देश के इंतजार में चक्कर ही काटता रहा, नतीजा? वे बांसवाड़ा तो आए, परंतु सभा में नहीं पहुंच पाए.बांसवाड़ा पहुंच कर वे बोले- मैंने तो अपना वादा निभाया, लेकिन समय पर विमान उतारने के निर्देश नहीं मिले, इसलिए कार्यक्र म में नहीं पहुंच पाया! राजेश पायलेट के बेटे सचिन पायलट की सियासी पारी 26 साल की उम्र में शुरू हुई, जब वे राजस्थान में राजेश पायलट की परंपरागत- दौसा सीट से 14 वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए. वे 2009 में फिर सांसद चुने गए और केंद्र सरकार में मंत्री बने. बतौर दूरसंचार मंत्रालय में राज्यमंत्री उनका काम उनका राजनीतिक कद बढाने वाला रहा. बतौर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट शुरूआत से ही राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार की जनविरोधी नीतियों का लगातार विरोध करते रहे हैं. इस दौरान उन्होंने संपूर्ण राजस्थान में यात्राएं तो की ही, कांग्रेस के लिए जनसमर्थन जुटाने का भी काम किया. यही वजह है कि उन्हें इस बार राजस्थान के मुख्यमंत्री पद का सशक्त दावेदार माना जा रहा है. सचिन, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहुत करीब हैं और यदि उत्तरी राजस्थान में कांग्रेस को अपेक्षित सफलता मिलती है तो वे राजस्थान के सीएम बन सकते हैं!

Web Title: Rajasthan Assembly Election 2018: Will Sachin Pilot Fulfill exceptions of Rajesh Piolt

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