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राजस्थान : मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद अब निगाहें राजनीतिक नियुक्तियों पर

By भाषा | Updated: November 21, 2021 21:52 IST

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जयपुर, 21 नवंबर राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित पुनर्गठन पूरा होने के बाद अब सबकी निगाहें राजनीतिक नियुक्तियों पर टिक गई हैं। रविवार शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मंत्रिमंडल में जगह नहीं पाने वाले विधायकों को संसदीय सचिव व मुख्यमंत्री के सलाहकार जैसी राजनीतिक नियुक्तियों में समायोजित किया जाएगा और रात में छह विधायकों को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त कर दिया गया।

राज्य में गहलोत मंत्रिमंडल में बहुप्रतीक्षित फेरबदल रविवार को पूरा हो गया जब सत्तारूढ़ कांग्रेस के 15 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र ने 11 विधायकों को कैबिनेट व चार विधायकों को राज्य मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्य में विधानसभा की 200 सीटें हैं और उसके हिसाब से अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं और यह संख्या अब पूरी हो गई है।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, ‘‘मंत्रिपरिषद का यह पुनर्गठन विशेष परिस्थितियों में हुआ है, जिसमें हम कुछ जिलों को प्रतिनिधित्व नहीं दे पाए, पर हम उन जिलों का विशेष ध्यान रखेंगे। पहली बार चुनकर आए विधायकों को मंत्री नहीं बनाया गया।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘ऐसे कई लोगों को शामिल किया जा चुका है, कई लोगों को शामिल किया जाएगा, प्रक्रिया लगातार चल रही है। अभी मुख्यमंत्री के सलाहकार बनेंगे, संसदीय सचिव बनेंगे, बोर्ड कॉरपोरेशन के चेयरमेन बनेंगे, तो प्रयास है कि अधिकांश विधायकों को हम लोग किस प्रकार से समायोजित करें।’’

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी कहा कि जो लोग बच गए हैं उन्हें राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी। डोटासरा ने कहा, ‘‘अभी कई जिम्मेदारियां मिलेंगी... जिला अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष बनेंगे, प्रकोष्ठ बनेंगे, सबको समायोजित किया जाएगा और सबको जिम्मेदारी दी जाएगी।’’

वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा रविवार रात जारी एक सूचना के अनुसार तीन कांग्रेस व तीन निर्दलीय विधायकों को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया है। इनमें कांग्रेस विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह, राजकुमार शर्मा व दानिश अबरार तथा निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर, संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में कुल मिलाकर 25 से 30 हजार राजनीतिक नियुक्तियां की जानी हैं, जिनमें संसदीय सचिवों से लेकर विभिन्न बोर्ड व निगमों के अध्यक्ष शामिल हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लंबे समय से इन नियुक्तियों की उम्मीद है।

इससे पहले पार्टी सूत्रों ने कहा था, ‘‘मंत्रिपरिषद पुनर्गठन में पार्टी आलाकमान व मुख्यमंत्री ने संतुलित रुख अपनाया है। इसमें सभी इलाकों व सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखा गया है। सभी को इसमें मौका नहीं दिया जा सकता। 15 संसदीय सचिव व सात मुख्यमंत्री के सलाहकार नियुक्त किए जाने हैं जबकि और भी राजनीतिक नियुक्तियां होनी है।’’

बाकी आकांक्षी विधायकों, कार्यकर्ताओं व पार्टी का समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायकों को इन पदों पर समायोजित किया जाएगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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