मानसून सत्र पर वर्षा की मार: ड्रेनेज लाइन चोक होने से पानी भरा, बिजली गुल, विधानमंडल का कामकाज ठप्प
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 6, 2018 09:08 PM2018-07-06T21:08:29+5:302018-07-06T21:08:29+5:30
वर्ष 1971 के बाद पहली बार नागपुर में हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र पर वर्षा की ऐसी मार पड़ी कि विधानसभा का कामकाज ठप हो गया जबकि विधान परिषद को चंद मिनटों में ही सोमवार 9 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया।
(फहीम खान की रिपोर्ट)
नागपुर, 6 जुलाई: वर्ष 1971 के बाद पहली बार नागपुर में हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र पर वर्षा की ऐसी मार पड़ी कि विधानसभा का कामकाज ठप हो गया जबकि विधान परिषद को चंद मिनटों में ही सोमवार 9 जुलाई तक स्थगित कर दिया गया। ड्रेनेज लाइन के चोक होने से बिजली आपूर्ति करने वाले स्विचिंग रूप में पानी भर गया। बिजली आपूर्ति बंद करनी पड़ी और एहतियातन कामकाज को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इस घटना से शहर में मानसून सत्र की तैयारी की पोल खुल गई।
सुबह 10 बजे विधानसभा का कामकाज आरंभ होते ही विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े ने जानकारी दी कि बिजली आपूर्ति में बाधा के कारण कामकाज एक घंटे के लिए स्थगित किया जा रहा है। उनकी इस घोषणा के साथ सदन की बिजली भी गुल हो गई। उधर विधानभवन इमारत में ही स्थित स्विच रूम में भरे पानी को पंप के सहारे बाहर निकालने की कवायद आरंभ हो गई। राज्य के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुुले ने खुद पानी में उतर कर मोर्चा संभालते हुए बिजली आपूर्ति को बंद करने का निर्देश दिया ताकि कहीं करंट का रिसाव नहीं हो।
उन्होंने कहा कि 11.20 बजे आपूर्ति बहाल कर दी गई। बावनकुले के अनुसार अगर आपूर्ति बंद नहीं की गई होती तो स्विच रूम में नमी भर जाती. उसे ड्रायर के माध्यम से सूखाना पड़ता जिसमें काफी समय लग जाता। बावनकुले ने बताया कि ड्रेनेज लाइन के चोक होने की वजह से पानी भरा। ड्रेनेज लाइन की सफाई के दौरान उसमें सीमेंट के ब्लॉक भी मिले जिन्हें तत्काल हटाने की प्रक्रिया आरंभ की गई।
पानी भरने का कारण-
- आसपास बनाई जा रही सीमेंट रोड के पास ड्रेनेज सिस्टम नहीं बना है।
- विधानभवन के ड्रेनेज सिस्टम में सीमेंट के ब्लॉक बने होने से निकासी अवरुद्ध हुई।
- विधानभवन के पास स्थित एक नाले पर अतिक्रमण की वजह से निकासी नहीं हो रही।
- सीमेंट रोड विधानभवन की सतह से तुलना में ऊंची है. ऐसे में पानी भवन में घुस गया।
-स्विचिंग रूम के पास एक दीवार बनी हुई थी जिसे हाल में गिरा दिया गया।
पीडब्ल्यूडी के डिवीजन इंजीनियर को नोटिस
राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने इस बात से इनकार किया कि प्रशासनिक लापरवाही की वजह से बिजली गुल हुई। उन्होंने ऊर्जा विभाग को क्लीन चिट देते हुए कहा कि शहर में अभूतपूर्व वर्षा के कारण ऐसे हुआ। फिर भी पीडब्ल्यूडी के डिवीजन इंजीनियर को नोटिस देकर पूछा गया है कि ड्रेनेज लाइन चोक क्यों थी।
ड्रेनेज लाइन ने उगली शराब की बोतलें
विधानभवन की ड्रेनेज लाइन की सफाई के दौरान उसमें शराब और बीयर की बोतलें निकलीं। सरकार की ओर से सफाई दी गई कि यह बोतलें कहीं और से बहकर ड्रेनेज लाइन में पहुंची हैं। इसी प्रकार लाइन से पाइप भी निकला।
कैसे होती है विधानभवन में बिजली आपूर्ति
विधानभवन परिसर में महावितरण/ एसएनडीएल का सब स्टेशन है जिसके माध्यम से बिजली आपूर्ति की जाती है। यहां से बिजली स्विचिंग रूम में जाती है जो पीडब्ल्यूडी के अधीन है। यहां 500 केवी क्षमता के दो ट्रांसफार्मर हैं जो रिले सेंटर से जुड़े हैं।
1961 में भी ठप हुआ था कामकाज
वर्ष 1961 में नागपुर में हुआ मानसून सत्र ऐसे ही संकट से रूबरू हुआ था। 23 अगस्त को जिला काउंसिल बिल पर चर्चा के दौरान विधानसभा की बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी. इसके चलते कामकाज को आठ मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा था। आपूर्ति बहाल होने के बाद कामकाज पुन: आरंभ हुआ. लेकिन आपूर्ति पुन: बाधित हुई। ऐसे में तत्कालीन उपाध्यक्ष ने कामकाज को पूरे दिन के लिए स्थगित कर अगली बैठक 28 अगस्त को कराने की घोषणा की।