निकोलस बर्न्स के साथ चर्चा में राहुल गांधी ने कहा- अमेरिका और भारत में अब पहले जैसी सहिष्णुता नजर नहीं आती

By विनीत कुमार | Published: June 12, 2020 11:28 AM2020-06-12T11:28:02+5:302020-06-12T11:28:02+5:30

राहुल गांधी ने निकोलस बर्न्स के साथ चर्चा में असहिष्णुता का मुद्दा एक बार फिर उठाया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में सहिष्णुता रही है लेकिन अब वो पहले की तरह नजर नहीं आती।

Rahul Gandhi with conversation with Nicholas Burns says I dont see that tolerance in US and India now | निकोलस बर्न्स के साथ चर्चा में राहुल गांधी ने कहा- अमेरिका और भारत में अब पहले जैसी सहिष्णुता नजर नहीं आती

निकोलस बर्न्स के साथ राहुल गांधी की चर्चा

Highlightsनिकोलस बर्न्स के साथ चर्चा में राहुल गांधी ने उठाया असहिष्णुता का मुद्दानिकोलस बर्न्स ने कहा, अमेरिका इस सब से निकल आएगा, हमारी संस्थाएं हमेशा मजबूत

अमेरिका के पूर्व रजनयिक निकोलस बर्न्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा में राहुल गांधी ने सहिष्णुता का मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने कहा कि भारत और अमेरिका में पहले जैसी सहिष्णुता अब नहीं दिखती है। दोनों नेताओं के बीच चर्चा के दौरान अमेरिका में हुए हिंसक प्रदर्शन सहित लोकतंत्र और कोरोना संकट पर बात हुई।

राहुल गांधी ने कहा, 'मुझे लगता है कि हमारी (भारत और अमेरिका) साझेदारी काम करती है क्योंकि हम एक सहिष्णु सिस्टम हैं। आपने बताया कि आप एक अप्रवासी राष्ट्र हैं। हम बहुत सहिष्णु हैं। हमारे डीएनए सहिष्णु है। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अब ये लगता है कि वो खुले विचारों वाला डीएनए खत्म हो रहा है। पहले मैं अमेरिका और भारत में जिस तरह की सहिष्णुता देखता था, अब वो खत्म हो रहा है।'


इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए बर्न्स ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि वे हर मसले का हल अकेले निकाल लेंगे और वे खुद को एक झंडे में लपेटे हुए हैं। साथ ही बर्न्स ने कहा कि अमेरिका में संस्थाएं हमेशा मजबूत रहेंगी। उन्होंने अमेरिकी मिलिट्री ऑफिसर जेन मार्क मिलि का उदाहरण भी दिया जिन्होंने कहा था कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस के करीब एक क्षतिग्रस्त चर्च के दौरे के दौरान अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर गलती की।

'जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या की घटना दर्दनाक'

बर्न्स ने इस दौरान अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को दर्दनाक घटना कहा। निकोलस बर्न्स ने कहा, 'पिछले 100 सालों में हमारे सबसे महान अमेरिकी मार्टिन लूथर किंग जूनियर हैं। उन्होंने शांति पूर्वक और अहिंसक लड़ाई लड़ी। उनके आध्यात्मिक आदर्श महात्मा गांधी थे। किंग ने हमें एक बेहतर देश बनाने में मदद की। हमने एक अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को चुना। आप फिर भी आज देखते हैं कि रंगभेद वापस आ जाता है। ये दर्दनाक घटना थी।'

'चीन के साथ विचारों की लड़ाई'

राहुल गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संवाद के दौरान बर्न्स ने यह भी कहा कि चीन के साथ कोई संघर्ष नहीं, बल्कि विचारों की लड़ाई है तथा भारत और अमेरिका को दुनिया में मानवीय स्वतंत्रता, लोकतंत्र और लोक शासन को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

बर्न्स ने कोरोना वायरस से जुड़े संकट के कारण दुनिया में शक्ति संतुलन में व्यापक बदलाव की धारणा को खारिज करते हुए कहा, ‘लोग कहते हैं कि चीन आगे निकलने वाला है। मैं ऐसा नहीं देखता। चीन एक बड़ी शक्ति अभी भी है। लेकिन वह अभी तक सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक रूप से अमेरिका के बराबर नहीं हुआ है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह आगे बढ़ रहा है।’ उनके अनुसार चीन में जो कमी है, वो यह है कि वहां भारत और अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों की तरह लचीलापन और खुलापन नहीं है। 

(भाषा इनपुट)

English summary :
Rahul Gandhi raised the issue of tolerance through a video conferencing discussion with former US diplomat Nicholas Burns. Rahul Gandhi said that tolerance is no longer seen in India and America.


Web Title: Rahul Gandhi with conversation with Nicholas Burns says I dont see that tolerance in US and India now

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