नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला किया। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कह कि ‘सिस्टम’ फ़ेल है इसलिए ये जनहित की बात करना ज़रूरी है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को आरोप लगाया कि “व्यवस्था विफल हो गई है” और देश में कोविड-19 के मामलों में अचानक वृद्धि के कारण देश के लोगों को हो रही पीड़ा से उबारने में मदद करना पार्टी का कर्तव्य है। उनकी यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में यह कहने पर आई है कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश को हिला कर रखा दिया है और लोगों को आश्वस्त किया कि केंद्र राज्यों की मदद के लिए पूरी ताकत के साथ काम कर रहा है।
गांधी ने ट्वीट किया, “व्यवस्था विफल हो चुकी है, इसलिए जन की बात करना जरूरी हो गया है।” उन्होंने कहा, ‘‘इस संकट में, देश को जिम्मेदार नागरिकों की जरूरत है। मैं कांग्रेस के अपने सहयोगियों से सभी राजनीतिक कार्य छोड़ने और देशवासियों के दर्द को कम करने तथा हरसंभव मदद देने की अपील करता हूं।”
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई शहरों में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की कमी की खबरों के बीच शुक्रवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस के कारण ऑक्सीजन का स्तर गिर सकता है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी और आईसीयू बेड की कमी के कारण बहुत सारी मौतें हो रही हैं।
भारत सरकार, यह जिम्मेदारी आप की है।’’ गौरतलब है कि देश के कई शहरों में ऑक्सीजन की कमी होने की खबरें आ रही हैं। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में गंभीर रूप से बीमार 25 मरीजों की मौत हो गयी। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए घटना के पीछे संभावित वजह ऑक्सीजन की कमी को बताया है।
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के विरार में एक निजी अस्पताल में आग लगने की घटना पर कई कोविड मरीजों की मौत पर भी दुख जताया। उन्होंने एक टेलीग्राम संदेश में कहा, ‘‘विरार के विजय वल्लभ कोविड सेंटर से दुखद खबर मिली है कि आग लगने से कई मरीजों की मौत हो गई। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं राज्य सरकार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे सभी जरूरी मदद मुहैया कराएं।’’ विरार में शुक्रवार तड़के एक निजी अस्पताल में आग लगने से कोविड-19 से पीड़ित 13 मरीजों की मौत हो गई। आग अस्पताल के आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में लगी। घटना के वक्त आईसीयू में 17 मरीज थे। चार मरीजों को बचा लिया गया और उन्हें इलाके के अन्य अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है।