महाराष्ट्र सत्ता संग्राम से दूर राहुल गांधी फिर गए विदेश, शिवसेना के साथ गठबंधन से बताए जा रहे खफा
By हरीश गुप्ता | Published: November 25, 2019 07:37 AM2019-11-25T07:37:40+5:302019-11-25T07:37:40+5:30
राहुल गांधी 19 नवंबर को शक्तिस्थल भी नहीं गए, जहां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी जा रही थी.
18 नवंबर को जब संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ, तक से कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदन से अनुपस्थिति से सभी हैरान हैं. संभावना है कि सोमवार को भी वह लोकसभा में नहीं दिखें. सूत्रों की मानें तो राहुल शुक्रवार रात को विदेश में किसी अज्ञात स्थान पर रवाना हो गए थे. किसी को यह जानकारी नहीं है कि वह कब तक लौटेंगे. वह 12 तुगलक लेन स्थित अपने आवास पर पिछले सप्ताह भर रहे, लेकिन पार्टी नेताओं से संपर्क नहीं रहा.
यहां तक कि उन्होंने अंतरिम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की महाराष्ट्र से संबंधित किसी भी बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया. कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राहुल महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन करने के खिलाफ थे. पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल और उनके राजनीतिक गुरु ए. के. एंटनी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस गठबंधन को आगे बढ़ाया था. कांग्रेस नेता व्यक्तिगत रूप से कहते हैं कि राहुल गांधी फोन कॉल या एसएमएस का जवाब नहीं दे रहे हैं.
राजनीतिक घटनाक्रमों से राहुल के दूर होने के कारण सोनिया गांधी अकेले कठिन लड़ाई लड़ रही हैं. सूत्रों का कहना है कि राहुल इस बात से निराश हैं कि पार्टी में चीजें उस तरह से नहीं बढ़ पा रही हैं जैसा वह चाहते थे. पार्टी नेता उनका अनुसरण नहीं कर रहे हैं. बहुत हद तक यही कारण रहा कि कंबोडिया से वापस आने के बाद वह निजी यात्रा पर ब्राजील रवाना हो गए. वह 15 नवंबर को दिल्ली लौटे थे और फिर 22 नवंबर को विदेश चले गए.
इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि देने भी नहीं पहुंचे :
राहुल गांधी 19 नवंबर को शक्तिस्थल भी नहीं गए, जहां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी जा रही थी. वह संसद भवन स्थिल सेंट्रल हॉल भी नहीं गए जहां सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. पिछले हफ्ते वायनाड के सांसद के खिलाफ 10 सवाल सूचीबद्ध हुए थे, लेकिन राहुल अपने खिलाफ उठे सवालों पर सवाल उठाने के लिए नहीं दिखे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने राहुल की अनुपस्थिति के मद्देनजर कहा कि वह उन्हें सवाल करने का मौका देना चाहते हैं. राहुल गांधी का लोकसभा सदस्य के तौर पर यह चौथा कार्यकाल है.