रेडियो राब्ता ने दक्षिण कश्मीर में किया नई उम्मीदों का संचार

By भाषा | Published: January 17, 2021 07:46 PM2021-01-17T19:46:23+5:302021-01-17T19:46:23+5:30

Radio Rabta communicated new expectations in South Kashmir | रेडियो राब्ता ने दक्षिण कश्मीर में किया नई उम्मीदों का संचार

रेडियो राब्ता ने दक्षिण कश्मीर में किया नई उम्मीदों का संचार

(सुमीर कौल)

अनंतनाग, 17 जनवरी उर्दू में ‘हेलो यह दिल से दिल तक है’ की घोषणा के साथ दक्षिण कश्मीर के अपने श्रोताओं से रूबरू होने वाला ‘रेडियो राब्ता’ सामुदायिक स्टेशन आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में उम्मीदों का नया संचार कर रहा है।

रेडियो न सिर्फ लोगों का मनोरंजन कर रहा है, बल्कि स्थनीय लोगों को अपनी शिकायतें उठाने का मंच भी उपलब्ध करा रहा है।

स्थानीय लोगों के सपनों को पूरा करने में मदद करती रही सेना ने घाटी के युवाओं, खासकर दक्षिण कश्मीर के युवाओं तक पहुंचने के प्रयास के तहत अनंतनाग में सामुदायिक रेडियो स्टेशन ‘रेडियो राब्ता’ (कनेक्ट) की स्थापना की है।

अनंतनाग में सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना करना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सेना की पंद्रहवीं कोर के ‘जनरल ऑफिसर इन कमांड’ लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू का दृष्टिकोण था। नए साल से यह सपना दो रेडियो जॉकियों-उमर निसार तथा आयशा गौहर के साथ हकीकत में तब्दील हो गया।

‘रेडियो राब्ता’ 90.8 एफएम ‘दिल से दिल तक’ सिर्फ पुलवामा जिले की आवाज ही नहीं बना है, बल्कि इसकी पहुंच आसपास के 20 किलोमीटर के दायरे में है जिसमें दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और कुलगाम जिलों के हिस्से आते हैं।

बौद्धिक संपदा अधिकार हासिल करने के बाद स्टेशन हिंदी और पंजाबी गीत प्रसारित कर रहा है।

निसार का कहना है, ‘‘कश्मीरी संगीत का अधिकार मिलने के बाद जल्द ही हम कश्मीरी संगीत प्रसारित करेंगे।’’

दोनों रेडियो जॉकी लोगों को यातायात की स्थिति और मौसम की जानकारी जैसी सूचनाएं भी उपलब्ध कराते हैं तथा साथ ही स्थानीय प्रतिभाओं, खासकर युवाओं के साक्षात्कार भी प्रसारित करते हैं।

पहलगाम स्थित ईडन होटल के महाप्रबंधक उमर मलिक का कहना है, ‘‘इससे कम से कम हमें यह जानने में तो मदद मिली है कि हमारे आसपास क्या चल रहा है।’’

बिजबेहड़ा में सेबों के बागान के मालिक इसाक भट का भी ऐसा ही मानना है।

उनका कहना है, ‘‘रेडियो राब्ता भीषण सर्दी के दौरान सड़कों और बिजली आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं सहित आम आदमी से जुड़े स्थानीय मुद्दों को उठाने में सक्षम होगा।’’

प्रथम सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना के लिए आवश्यक साजो-सामान विक्टर फोर्स ने उपलब्ध कराया जो सेना की पंद्रहवीं कोर का हिस्सा है और जिसके पास विशेष तौर पर दक्षिण कश्मीर तथा मध्य कश्मीर में आतंकवाद के खतरे को समाप्त करने की जिम्मेदारी है।

अपनी व्यस्तता से समय निकालकर विक्टर फोर्स के ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग’ मेजर जनरल राशिम बाली नियमित तौर पर ‘रेडियो राब्ता’ को सुनते हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारा प्रयास युवाओं के सपने को बड़ा बनाने, तथा फिर उन्हें उनके सपने को पूरा करने में सक्षम बनाने का है।

बाली ने कहा, ‘‘हमारे रेडियो जॉकियों की शानदार आवाज आज दक्षिण कश्मीर में धड़कती है। वे न सिर्फ स्थानीय लोगों को खुशी प्रदान करते हैं, बल्कि हमें उन पर अत्यधिक गर्व भी है।

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