रैडक्लिफ रेखा : रातोंरात सपनों को चकनाचूर करने वाली मानचित्र पर खींची रेखा

By भाषा | Published: August 18, 2021 04:36 PM2021-08-18T16:36:58+5:302021-08-18T16:36:58+5:30

Radcliffe Line: The line on the map that shatters dreams overnight | रैडक्लिफ रेखा : रातोंरात सपनों को चकनाचूर करने वाली मानचित्र पर खींची रेखा

रैडक्लिफ रेखा : रातोंरात सपनों को चकनाचूर करने वाली मानचित्र पर खींची रेखा

यह 74 साल पहले आज ही का दिन था जब मानचित्रकारों की बेरहम स्याही ने आजादी के जश्न के बीच एक गांव में रह रहे कई लोगों के सपने चकनाचूर कर दिए थे। यह गांव अब बांग्लादेश में हैं। तृप्ति सरकार के लिए 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से मिली आजादी का जश्न तीन बाद तब फीका पड़ गया जब उन्हें रैडक्लिफ रेखा के बारे में पता चला जो नए-नए आजाद हुए भारत और पाकिस्तान की सीमा रेखा को दर्शाती थी। हिंदू बहुसंख्यक आबादी वाले इलाके में उनका पांच सदी पुराना उल्पुर गांव पाकिस्तान में चला गया। सरकार (89) अब कोलकाता में रहती हैं और वह याद करती है कि आजादी के दिन फरीदपुर जिले में अपने गांव में वह कितनी खुश थीं। हर कोई तिरंगा लहरा रहा था, मिठाइयां बांट रहा था और देशभक्ति के गीत गा रहा था। दो दिन बाद 17 अगस्त की रात को यह सीमा रेखा सार्वजनिक की गयी और सरकार तथा उनके परिवार समेत ज्यादातर भारतीयों को 18 अगस्त को सुबह अखबारों से यह खबर मिली। उल्पुर से करीब 270 किलोमीटर दूर मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर में में 14 अगस्त को मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने मार्च किया। उसी दिन लॉर्ड लुइस माउंटबेटन ने कराची में पाकिस्तान की नयी संसद में विदायी भाषण दिया। आजादी के तीन दिन बाद मुस्लिम लीग को यह अहसास हुआ कि सर सिरिल रैडक्लिफ ने इस तरीके से सीमा का बंटवारा किया कि मुस्लिम बहुसंख्यक जिले भारत के हिस्से में चले गए। रैडक्लिफ रेखा की घोषणा उन लोगों के लिए एक ‘‘स्वप्न भंग’’ थी जिन्हें लगता था कि केवल धार्मिक जनसांख्यिकी से ही यह तय होगा कि वे किस देश में रहेंगे। सरकार का परिवार विभाजन के करीब छह महीने बाद नौका और जहाज से यात्रा करके कलकत्ता पहुंचा। इस बात को कई बरस बीत चुके हैं लेकिन इसका सदमा अभी गया नहीं है। पूर्व भारतीय राजनयिक टीसीए राघवन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पंजाब में बड़े पैमाने पर जातीय सफाया हुआ और लोगों का बंटवारा हुआ लेकिन इससे अलग बंगाल में कम खूनखराबा हुआ।’’ प्रख्यात इतिहासकार और पूर्व लोकसभा सांसद सौगत बोस ने मंगलवार को माउंटबेटन पर यह घोषणा न करने का आरोप लगाया कि सीमाएं कहां होंगी। लंदन के वकील सर सिरिल रैडक्लिफ भारत के बारे में बहुत कम जानते थे लेकिन उन्हें पूर्वी और पश्चिम भारत में सीमा रेखा खींचने का जिम्मा दिया गया।

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Web Title: Radcliffe Line: The line on the map that shatters dreams overnight

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