पुरी ने कहा, ‘‘मैं विश्वास के साथ संसद को अवगत कराना चाहता हूं कि सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच कोई मिलीभगत नहीं है

By भाषा | Published: July 3, 2019 03:28 PM2019-07-03T15:28:07+5:302019-07-03T15:28:07+5:30

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में सांसद आवास की गुणवत्ता के साथ गंभीर समझौता करने और इसमें सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच सांठगांठ को वजह बताने वाले आरोप से इंकार किया।

Puri said, "I want to know the Parliament with confidence that there is no collusion between the CPWD officials and the contractors. | पुरी ने कहा, ‘‘मैं विश्वास के साथ संसद को अवगत कराना चाहता हूं कि सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच कोई मिलीभगत नहीं है

2014 से 2019 तक भवन निर्माण संबंधी गड़बड़ियों के 435 मामलों की जांच की गयी।

Highlightsउन्होंने कहा कि लुटियन दिल्ली स्थित सांसद आवासों की देखरेख की जिम्मेदारी सीपीडब्ल्यूडी निभाती है। 235 मामलों में कार्रवाई कर सीपीडब्ल्यूडी के कुछ अधिकारियों तथा ठेकेदारों को दंडित भी किया गया। 

सरकार ने संसद सदस्यों के लिये लुटियन दिल्ली में मौजूद आवासों के रखरखाव और भवन निर्माण की गुणवत्ता के साथ केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से समझौता किये जाने के आरोप को खारिज करते हुये बुधवार को कहा कि इसकी नियमित जांच होती है।

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में सांसद आवास की गुणवत्ता के साथ गंभीर समझौता करने और इसमें सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच सांठगांठ को वजह बताने वाले आरोप से इंकार किया।

उन्होंने कहा कि लुटियन दिल्ली स्थित सांसद आवासों की देखरेख की जिम्मेदारी सीपीडब्ल्यूडी निभाती है। इस जिम्मेदारी के निर्वाह में कोई कोताही नहीं बरती जाये, इसके लिये मंत्रालय ने चार स्तरीय जांच व्यवस्था कायम की है। उल्लेखनीय है कि सत्तापक्ष के सदस्य राकेश सिन्हा ने पूरक प्रश्न में सीपीडब्ल्यूडी और ठेकेदारों की सांठगांठ से आवासों की गुणवत्ता में गंभीर गिरावट की बात कहते हुये इसकी जांच कराने की मांग की।

सिन्हा ने कहा कि सांसद आवास के निर्माण में गुणवत्ता की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करायी जाये क्योंकि इसमें घोर भ्रष्टाचार है और इस भ्रष्टाचार का अनुभव अनेक सांसदों को है। सिन्हा ने कहा ‘‘कानून बनाने वालों के लिये निर्मित घरों में ही अगर भ्रष्टाचार होगा तो हम दूसरों के भ्रष्टाचार की जांच कैसे कर सकते हैं।’’ सत्तापक्ष के सदस्य द्वारा मंत्रालय पर यह आरोप लगाये जाने के समय गृह मंत्री अमित शाह भी सदन में मौजूद थे।

इसके जवाब में पुरी ने कहा, ‘‘मैं पूरे विश्वास के साथ सदन को अवगत कराना चाहता हूं कि सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच ऐसी कोई मिलीभगत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि इस पर निगरानी और जांच के लिये सुस्थापित गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली कार्यरत है।

इसके तहत 2014 से 2019 तक भवन निर्माण संबंधी गड़बड़ियों के 435 मामलों की जांच की गयी और 235 मामलों में कार्रवाई कर सीपीडब्ल्यूडी के कुछ अधिकारियों तथा ठेकेदारों को दंडित भी किया गया। 

Web Title: Puri said, "I want to know the Parliament with confidence that there is no collusion between the CPWD officials and the contractors.

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