भुवनेश्वर, 18 जून ओडिशा के पुरी में आयोजित होने वाली वार्षिक रथयात्रा में शामिल होने वाले पुजारियों, पुलिस कर्मियों और सरकारी अधिकारियों को कम से कम चार बार आरटी-पीसीआर जांच से गुजरना होगा। यह फैसला कोविड-19 संक्रमण के खतरे को न्यूनतम करने के प्रयास के तहत किया गया है।
अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अध्यक्ष डॉ.कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में पुरी में हुई बैठक में सभी हितधारक इस फैसले पर सहमत हुए कि लगातार जांच से 12 जुलाई को होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की तैयारी में लगे सभी व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह तैयारियां और अनुष्ठान करीब एक महीने तक चलते हैं।
उन्होंने बताया कि इस बैठक में पुरी के जिला मजिस्ट्रेट सह कलेक्टर समर्थ वर्मा ने भी हिस्सा लिया। पिछले साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं को रथ यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।
कुमार के मुताबिक पहली जांच 24 जून को होने वाली स्नान यात्रा से पहले होगी, दूसरी जांच 12 जुलाई को गुंडिचा यात्रा (मुख्य कार्यक्रम) से पहले होगी, तीसरी जांच 20 जुलाई को आयोजित बहुदा यात्रा से पहले होगी जबकि चौथी जांच 23 जुलाई को नीलाद्री बीजे (उत्सव के बाद भगवान की मंदिर में वापसी) के 15 दिन बाद होगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा एसजेटीए यह सुनिश्चित करेगा कि यात्रा की तैयारियों में हिस्सा ले रहे सभी सेवादारों को कोविड-19 टीके की दोनों खुराक लगी हो।
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