फाजिल्का:पंजाब में कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी से सियासत बेहद गर्म हो गई है। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सुखपाल खैरा से मिलने की इजाजत न देने के बाद शुक्रवार को कहा कि वे भगवंत मान सरकार के प्रतिशोध की लड़ाई के खिलाफ सड़कों पर और कानूनी तौर पर लड़ेंगे।
विधायक खैरा की गिरफ्तारी का मामला उस समय सियासी तुफान में बदल गया, जब पंजाब कंग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता फाजिल्का सीआईए कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए थे लेकिन शासन ने उन्हें खैरा से मिलाने से इनकार कर दिया।
प्रताप सिंह बाजवा ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर किये एक पोस्ट में कहा, "आज पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ फाजिल्का में हमारे विधायक सुखपाल खैरा से मिलने गए। पुलिस ने हमें उनसे मिलने से रोक दिया। हम आप पार्टी के इस प्रतिशोध से कानूनी तौर पर और सड़कों पर लड़ेंगे। इस तरह की दबाव रणनीति से हम डरेंगे नहीं।"
इसके साथ ही उन्होंने पंजाब पुलिस और मुख्यमंत्री भगवंत मान की बेहद कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पंजाब में इस तरह की स्थिति कभी नहीं देखी थी।
उन्होंने सरदार पुलिस स्टेशन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मैं भवंत मान की कार्रवाई की निंदा करना चाहता हूं। मान सोचते हैं कि वह हमेशा सरकार में रहेंगे, लेकिन वह गलत हैं। सभी को जाना होता है और उनकी सरकार भी जाएगी।"
बाजवा ने कहा, "चूंकि मैं विपक्ष का नेता हूं इसलिए खैरा से मिलना हमारा संवैधानिक अधिकार है। हमें पुलिस अधिकारियों की हिरासत में उनसे मिलना था, लेकिन उन्होंने हमें अनुमति नहीं दी। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी और हम उन्हें यह बताना चाहते थे कि कांग्रेस पार्टी का हर नेता उनके साथ है।''
उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता बठिंडा में धरना दे रहे हैं। इस बीच पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने शुक्रवार को कहा कि हम अंत तक लड़ेंगे।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख वारिंग ने कहा, "सुखपाल सिंह खैरा को एक पुराने मामले में प्रतिशोध की राजनीति के तहत गिरफ्तार किया गया है। हम पहले खैरा से मिलेंगे और उनसे मिलने के बाद तय करेंगे कि हमें क्या करना है। यह बदला लेने के लिए किया जा रहा है।"
मालूम हो कि पंजाब पुलिस ने बीते गुरुवार को कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा को 2015 के ड्रग्स तस्करी मामले में उनके आवास से गिरफ्तार किया था और बाद में फाजलिका की जलालाबाद अदालत में पेश किया था, जहां से कोर्ट ने उन्हें दो दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था।