शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और अकाल तख्त ने अमृतसर रेलवे स्टेशन के नवीकरण की प्रस्तावित योजना का विरोध किया है। कई सिख संगठनों और हस्तियों ने कहा कि नवीकरण के तहत सिख विरासत को नजरअंदाज कर पवित्र शहर के स्टेशन को भगवा रंग में रंगने की योजना है।
रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर कमल के आकार के तालाब के निर्माण के प्रस्ताव ने सिख संगठनों को नाराज कर दिया है। एसजीपीसी के प्रमुख गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने नवीकरण की योजना का विरोध करते हुए कहा कि तीर्थयात्रियों की धार्मिक आस्था को ध्यान में रखते हुए हवाई अड्डे, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन सहित शहर के सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर स्वर्ण मंदिर जैसे सिख धार्मिक स्थलों को प्रतिबंबित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा , ‘‘धार्मिक प्रतीक हमेशा एक शहर के धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं ... यह शहर (अमृतसर) पवित्र स्वर्ण मंदिर के लिए जाना जाता है।' उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर के महत्व और सिख समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पवित्र शहर का नवीकरण कार्य किया जाना चाहिए।
भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आईआरएसडीसी) 300 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन का नवीकरण करने जा रहा है। अकाल तख्त जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने कहा कि रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति को किसी कीमत पर नहीं हटाया जाना चाहिए। शहर का धार्मिक महत्व बरकरार रहना चाहिए।
हालांकि, राज्य भाजपा अध्यक्ष श्वेत मलिक ने कहा कि इस मामले को व्यर्थ तूल दिया जा रहा है और किसी को इस तरह के मुद्दों को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।