चंडीगढ़, छह सितंबर राज्य सरकार द्वारा संचालित पंजाब रोडवेज एवं पीआरटीसी के करीब आठ हजार ठेका कर्मचारियों ने नियुक्ति को स्थायी करने की मांग करते हुये सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की।
बहरहाल, पंजाब में निजी बसें पहले की तरह चल रही हैं।
पंजाब रोडवेज एवं पेप्सू सड़क परिवहन निगम (पीआरटीसी) के ठेका कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने कहा कि सरकारी कंपनियों की करीब दो हजार बसें सड़कों पर आज नहीं दिखीं। उन्होंने कहा कि केवल 200 से 300 बसों का ही परिचालन संभव हो सका जिनको नियमित कर्मचारी चला रहे थे ।
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि पंजाब रोडवेज की 25 फीसदी और पीआरटीसी की 35 फीसदी बसें सड़कों पर रहीं।
इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से कई यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा जो आम तौर पर सरकारी बसों में सफर करते हैं।
अमृतसर बस स्टैंड पर एक बुजुर्ग महिला ने कहा, '' आज सरकारी बसों के नहीं चलने से हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मुझे तरन तारन जाना था।''
उन्होंने कहा कि निजी बस वाले उन्हें उस जगह पर उतारने से इंकार कर रहे हैं जिस जगह उन्हें जाना था।
जालंधर बस स्टैंड पर एक अन्य महिला ने कहा कि उन्हें अब निजी बस में सफर करना पड़ेगा क्योंकि सरकारी बसें नजर नहीं आ रहीं।
पंजाब में महिलाओं का सरकारी बसों में सफर करना निशुल्क है।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किया और लंबे समय से लंबित अपनी मांगों को नहीं सुनने के लिये राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गयी तो वे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के घर का मंगलवार को घेराव करेंगे।
गिल ने कहा कि जुलाई और अगस्त में उन्हें स्थायी किए जाने की मांग पूरी करने का आश्वासन दिया गया था। सेवाओं को नियमित किये जाने के आलावा उनकी मांग बसों के बेड़े को 2500 से बढ़ाकर 10 हजार करने की है।
इस बीच, आम आदमी पार्टी के विधायक एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल चीमा ने कांग्रेस पर ठेका कर्मचारियों को स्थायी किए जाने का चुनावी वादा पूरा नहीं किए जाने का आरोप लगाया।
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