कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा का पंजाब के किसानों ने स्वागत किया
By भाषा | Updated: November 19, 2021 16:23 IST2021-11-19T16:23:37+5:302021-11-19T16:23:37+5:30

कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा का पंजाब के किसानों ने स्वागत किया
चंडीगढ़, 19 नवंबर पंजाब के किसान नेताओं ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की, तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का स्वागत किया लेकिन सरकार से मांग की कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून लागू करें।
इस बीच, प्रधानमंत्री की घोषणा पर पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर जश्न मनाया जाने लगा और किसानों सहित लोगों ने मिठाईयां बांटीं तथा ‘ढोल’ की थाप पर नृत्य करने लगे।
गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय किया है, जिसको लेकर पिछले वर्ष से किसान आंदोलनरत थे।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने शुक्रवार को कहा कि यह ‘‘खुशी और संतोष की बात’’ है कि प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य राजेवाल ने कहा, ‘‘दुनिया भर के लोगों से ‘किसान मोर्चा’ को मिले समर्थन के कारण ही ऐसा हो पाया, केंद्र सरकार को अपनी गलती माननी पड़ी।’’ कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा ही कर रहा था।
कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए राजेवाल ने कहा, ‘‘देर आए दुरूस्त आए।’’
राजेवाल ने कहा कि कानून की एक अन्य मुख्य मांग फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देना था।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के अध्यक्ष जगमोहन सिंह ने कहा कि मोदी की घोषणा पर वे बैठक में विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार से कहते रहे हैं कि लोगों के निर्णय से ऊपर कुछ भी नहीं है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि यह सही निर्णय है कि प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लेने का मन बना लिया है। बहरहाल, उन्होंने कहा कि वे अपनी बैठक में एमएसपी के लिए कानून की मांग जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
किसान नेता जगमोहन सिंह पटियाला ने कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का स्वागत किया।
इस बीच पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर मोदी की घोषणा के बाद लोगों ने मिठाईयां बांटीं और ‘ढोल’ की थाप पर नृत्य किया।
किसानों के समर्थन में मोहाली में पिछले कई महीने से लोगों का एक समूह प्रदर्शन कर रहा था जो इस घोषणा के बाद काफी उत्साहित था और जश्न मनाने के मूड में था। एक बुजुर्ग ने कहा, ‘‘हमारी जीत पक्की थी लेकिन ऐलान होना बाकी था।’’
हरियाणा के सिरसा में कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद किसानों ने मिठाईयां बांटीं।
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