चंडीगढ़ः पंजाब के अमृतसर शहर में रेल पटरी पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने संसद से पारित कृषि विधेयकों के खिलाफ शनिवार को विरोध स्वरूप कमीजें उतार दीं।
बिना कमीज रेल की पटरी पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने भाजपा नीत केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि विधेयकों को वापस लेने की मांग की। किसान मजदूर संघर्ष समिति के तहत प्रदर्शन कर रहे ये किसान 24 सितंबर से अमृतसर के देवीदासपुरा गांव के निकट रेल की पटरी पर बैठे हैं।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवण सिंह पंढेर ने फोन पर 'पीटीआई-भाषा से कहा, ''किसानों ने सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिये विरोधस्वरूप अपने कुर्ते और कमीजें उतार दी हैं।'' समिति ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह अपने तीन दिवसीय 'रेल रोको' आंदोलन को तीन दिन के लिये बढ़ा रही हैं। अब 26 से 29 सितंबर के बीच भी उनका आंदोलन जारी रहेगा।
कृषि विधेयक का विरोध: बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर रालोद कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज
प्रशासन की अनुमति के बिना कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर रालोद के जिला अध्यक्ष सहित 70 कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
थाना प्रभारी डी के त्यागी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक दल के जिला अध्यक्ष अजीत राठी, पार्टी प्रवक्ता अभिषेक चौधरी और पूर्व विधान परिषद सदस्य चौधरी मुश्ताक सहित 70 लोगों के खिलाफ भादंसं की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को उनके खिलाफ जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर कृषि विधेयकों के विरुद्ध प्रशासन की अनुमति के बिना धरना-प्रदर्शन करने का मामला दर्ज किया गया था।
कृषि विधेयकों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
संसद में हाल में पारित किए गए कृषि विधेयकों के खिलाफ शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के किसानों ने प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक के मंडल सदस्य और कृषि वैज्ञानिक संकेत ठाकुर ने शुक्रवार को बताया कि देश के 100 से अधिक किसान संगठनों के साथ आज छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ सहित राज्य के 25 संगठनों ने लगभग 100 से अधिक गांवों और कस्बों में कृषि विधेयकों के विरोध में प्रदर्शन किया।
ठाकुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिलों में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन होने की वजह से जिला और ब्लाक मुख्यालयों में प्रदर्शन ना होकर गांव के किसानों ने अपने खेत, खलिहान, चौपाल तथा अपने घर के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि किसानों ने मांग की है कि किसान विरोधी इन विधेयकों को वापस लिया जाए, एमएसपी को पूर्ण रूप से कानूनी गारंटी दी जाए तथा मंडी के भीतर और बाहर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कानून बनाया जाए। ठाकुर ने कहा कि इस कानून के बगैर तीनों अध्यादेश किसानों का शोषण का कारण बनेंगे तथा बड़े व्यवसायियों को मनमाना शोषण का अधिकार मिल जाएगा।