पंजाब कांग्रेस में शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव ऐसे मोड़ पर पहुंच चुका है, जब आलाकमान को दखल देना पड़ा है। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने अमरिंदर सिंह से मुलाकात के बाद कहा था कि वह आलाकमान का हर फैसला मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन अमरिंदर सिंह ने साफ कहा है कि वह सिद्धू से तब तक न हीं मिलेंगे, जब तक की सिद्धू सार्वजनिक रूप से अपमानजनक ट्वीट के लिए माफी नहीं मांग लेते हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले दिनों अमरिंदर सिंह पर जमकर हमला बोला था। जिसके कारण अमरिंदर सिंह काफी नाराज हैं। उन्होंने रावत से साफ कह दिया है कि जब तक सिद्धू सार्वजनिक रूप से अपमानजनक ट्वीट और इंटरव्यू के लिए माफी नहीं मांगेंगे, तब तक सुलह की कोई गुंजाइश नहीं है।
अमरिंदर सिंह ने प्रतापसिंह बाजवा के साथ की बैठक
उधर, अमरिंदर सिंह ने प्रताप सिंह बाजवा के साथ बैठक की है। दोनों को एक दूसरे का धुर विरोधी समझा जाता है। इस मुलाकात में पंजाब विधानसभा के स्पीकर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राणा केपी सिंह भी मौजूद रहे। माना जा रहा है कि सिद्धू की कांग्रेस में बढ़ती हैसियत को देखते हुए गुटों में बंटी पंजाब कांग्रेस के कुछ गुट एक साथ आ सकते हैं।
मंत्रियों-विधायकों से मिल रहे सिद्धू
उधर, सिद्धू पंजाब कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा के बीच कांग्रेसी विधायकों और मंत्रियों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से भी सिद्धू ने मुलाकात की। साथ ही वे कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा और बलबीर सिंह सिद्धू से भी मिले। हालांकि यह भी चर्चा है कि पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद भी सिद्धू को फ्री हैंड नहीं दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि हरीश रावत ने मुख्यमंत्री को बताया है कि सिद्धू के साथ उनकी पसंद के तीन-चार कार्यकारी अध्यक्ष होंगे।