पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की

By भाषा | Updated: August 11, 2021 20:21 IST2021-08-11T20:21:22+5:302021-08-11T20:21:22+5:30

Punjab CM meets PM and demands repeal of agricultural laws | पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की

पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की

नयी दिल्ली, 11 अगस्त पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि उन्होंने किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने वालों की श्रेणी में शामिल करने के लिए संबंधित कानून में संशोधन की भी मांग की।

आज देर शाम हुई मुलाकात में पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दो अलग-अलग पत्र सौंपे। इनमें पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों में आक्रोश पैदा करने वाले तीन कृषि कानूनों की तत्काल समीक्षा और उन्हें रद्द करने का आह्वान किया गया है।

किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि इन कानूनों को तत्काल वापस लिया जाए।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के आंदोलन से पंजाब और देश के लिए सुरक्षा खतरे पैदा करने की आशंका है, क्योंकि पाकिस्तान समर्थित भारत विरोधी ताकतें किसानों के असंतोष का फायदा उठाना चाहती हैं।

उन्होंने किसानों की चिंताओं के शीघ्र निवारण के लिए प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार को निरंतर चल रहे आंदोलन को समाप्त करने के लिए एक स्थायी समाधान तलाशना चाहिए क्योंकि यह न केवल पंजाब में आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले भी पंजाब के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा था।

उन्होंने धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मुआवजा देने और डीएपी की कमी की आशंकाओं को दूर करने की भी आवश्यकता बताई, जिससे किसानों की समस्याएं और कृषि कानूनों से उत्पन्न संकट बढ़ सकता है।

एक अन्य पत्र में, मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि भूमि के विखंडन, पट्टेदारों व विभिन्न बाजार संचालकों और एजेंटों के साथ लगातार विवादों के कारण, किसानों को इन दिनों मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके अल्प वित्तीय संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है।

उन्होंने इस तरह के मुकदमों के परिणामस्वरूप किसानों पर पड़े वित्तीय बोझ को कम करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि केंद्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 कुछ श्रेणियों के व्यक्तियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है, जिन्हें समाज का कमजोर वर्ग माना जाता है।

सिंह ने कहा कि देश के किसान भी बहुत कमजोर हैं और वे कभी-कभी वित्तीय समस्याओं के कारण आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

सिंह ने कहा, ''इस प्रकार, कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 में संशोधन करना समय की आवश्यकता है, ताकि किसानों और कृषि श्रमिकों को उन व्यक्तियों की श्रेणी में शामिल किया जा सके, जो अदालतों में अपना बचाव करने के लिए मुफ्त कानूनी सेवाओं के हकदार हैं।''

उन्होंने कहा कि इस कदम से किसानों की आत्महत्या के मामलों को कम करने और उनके कानूनी और वित्तीय अधिकारों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से किसानों के व्यापक हित में कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 में आवश्यक संशोधन करने के लिए किसान कल्याण और कानूनों से संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को सलाह देने का आग्रह किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Punjab CM meets PM and demands repeal of agricultural laws

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे