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नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे को लेकर पहली बार सामने आए CM अमरिंदर सिंह, कहा- मेरा उनके साथ कोई इश्यू नहीं

By रामदीप मिश्रा | Updated: July 15, 2019 13:59 IST

मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह का कहना है कि मेरे साथ उनकी कोई समस्या नहीं थी। मैंने वास्तव में कैबिनटे फेरबदल के बाद उन्हें एक बहुत महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो दिया था।

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ठळक मुद्देकाग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब के मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं और वह अपना इस्तीफा सोमवार (15 जुलाई) को सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को भेज चुके हैं।उनके इस्तीफे को लेकर पहली बार सीएम अमरिंदर सिंह सामने आए हैं और कहा है कि उनके साथ कोई समस्या नहीं थी। 

काग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धूपंजाब के मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं और वह अपना इस्तीफा सोमवार (15 जुलाई) को सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह को भेज चुके हैं। उनके इस्तीफे को लेकर पहली बार सीएम अमरिंदर सिंह सामने आए हैं और कहा है कि उनके साथ कोई समस्या नहीं थी। 

समाचार एजेंसी के मुताबिक, मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह का कहना है कि मेरे साथ उनकी कोई समस्या नहीं थी। मैंने वास्तव में कैबिनटे फेरबदल के बाद उन्हें एक बहुत महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो दिया था। यह उनका मंत्रिमंडल छोड़ने का निर्णय रहा है। मुझे बताया गया है कि उन्होंने मेरे कार्यालय को पत्र भेजा है। मैं पहले उसे देखता हूं, फिर उसके बाद देखेंगे कि क्या किया जाना है।

इसके अलावा उन्होंने पंजाब सीएम ने सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को लेकर कहा है कि मैंने कभी भी श्रीमती सिद्धू का विरोध नहीं किया, वास्तव में मैंने राहुल गांधी जी से सिफारिश की थी कि वह बठिंडा से चुनाव लड़ें। यह सिद्धू थे जिन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी बठिंडा से नहीं बल्कि चंडीगढ़ से चुनाव लड़ेंगी। तय करना सिद्धू का काम नहीं है, बल्कि इन चीजों को पार्टी तय करती है।आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना इस्तीफा 10 जून  को ही राहुल गांधी को सौंप दिया था। राहुल गांधी को चिट्ठी लिख कर इसकी जानकारी दी गई थी। सिद्धू और कैप्टेन अमरिंदर सिंह के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान से ही तनातनी चल रही थी। इमरान खान के शपथ-ग्रहण समारोह में शामिल होने और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख से सिद्धू के गले मिलने के कारण अमरिंदर सिंह ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई थी।

मुख्यमंत्री ने गत छह जून को सिद्धू से स्थानीय प्रशासन और पर्यटन तथा संस्कृति विभागों का प्रभार छीन लिया था और उन्हें बिजली तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा था। कैबिनेट में फेरबदल के दो दिन बाद आठ जून को सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेजी के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गठित मंत्रणा समूहों से भी सिद्धू बाहर हो गए थे। मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच गतिरोध को दूर करने का जिम्मा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल को सौंपा गया था।

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