Punjab and Haryana High Court: पति को हिजड़ा कहना और मां को कहना एक हिजड़े को जन्म दिया?, मानसिक क्रूरता के समान, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दिया फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 23, 2024 16:50 IST2024-10-23T16:49:39+5:302024-10-23T16:50:37+5:30

Punjab and Haryana High Court: ‘‘प्रतिवादी पति को हिजड़ा कहना और उसकी मां को यह कहना कि उसने एक हिजड़े को जन्म दिया है, मानसिक क्रूरता के समान है।’’

Punjab and Haryana High Court says Calling Husband Transgender Amounts To Mental Cruelty Punjab & Haryana High Court mother giving birth eunuch tantamount  | Punjab and Haryana High Court: पति को हिजड़ा कहना और मां को कहना एक हिजड़े को जन्म दिया?, मानसिक क्रूरता के समान, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दिया फैसला

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Highlightsशादी दिसंबर, 2017 में हुई थी।पत्नी ‘‘देर से उठती’’ थी।मां गठिया से पीड़ित है।

चंडीगढ़ः पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक पारिवारिक अदालत द्वारा एक व्यक्ति के पक्ष में दिए गए तलाक के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि पति को ‘हिजड़ा’ कहना मानसिक क्रूरता के समान है। न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति जसजीत सिंह बेदी की खंडपीठ इस वर्ष जुलाई में एक पारिवारिक अदालत द्वारा पति के पक्ष में दिए गए तलाक के खिलाफ एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा, ‘‘यदि पारिवारिक न्यायालय द्वारा दर्ज निष्कर्षों की जांच उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के मद्देनजर की जाये तो यह बात सामने आती है कि अपीलकर्ता-पत्नी के कृत्य और आचरण क्रूरता के समान हैं।’’ इसने कहा, ‘‘प्रतिवादी पति को हिजड़ा कहना और उसकी मां को यह कहना कि उसने एक हिजड़े को जन्म दिया है, मानसिक क्रूरता के समान है।’’

आदेश में कहा गया है, ‘‘अपीलकर्ता-पत्नी के समग्र कृत्यों और आचरण पर विचार और इस बात पर भी गौर करते हुए कि दोनों पक्ष पिछले छह वर्षों से अलग-अलग रह रहे हैं, न्यायालय ने पाया कि दोनों पक्षों के बीच संबंध इतने खराब हो चुके है कि इन्हें अब सुधारा नहीं जा सकता।’’ इन दोनों की शादी दिसंबर, 2017 में हुई थी। तलाक की अर्जी देने वाले पति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी ‘‘देर से उठती’’ थी।

वह उसकी मां से पहली मंजिल पर स्थित अपने कमरे में दोपहर का भोजन भेजने के लिए कहती थी और दिन में चार से पांच बार उन्हें (मां को) ऊपर बुलाती थी और उसे इस बात की जरा परवाह नहीं थी कि उसकी मां गठिया से पीड़ित है। व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी अश्लील वीडियो देखने की आदी है और उसे ‘‘शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं होने’’ के लिए ताना मारती थी तथा वह किसी अन्य व्यक्ति से शादी करना चाहती थी। महिला ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि उसका पति यह साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं कर सका कि वह अश्लील वीडियो देखती थी।

उसने अपने ससुराल वालों पर नशीले पदार्थ देने का भी आरोप लगाया। महिला की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि पारिवारिक अदालत ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि पति और उसके परिवार ने महिला के खिलाफ क्रूरता की। आदेश में कहा गया है कि व्यक्ति की मां ने अपनी गवाही में कहा कि उसके बेटे को उसकी पत्नी ‘हिजड़ा’ कहती थी।

इसमें कहा गया है कि दूसरी ओर पत्नी को नशीला पदार्थ देने और उसे एक ‘तांत्रिक’ के प्रभाव में रखने के आरोप को पत्नी द्वारा साबित नहीं किया जा सका। पीठ ने कहा, "निस्संदेह, यह न्यायालय का दायित्व है कि जहां तक ​​संभव हो, वैवाहिक बंधन को बनाए रखा जाए।

लेकिन जब विवाह अव्यवहारिक हो जाए और पूरी तरह से समाप्त हो जाए, तो दोनों पक्षों को साथ रहने का आदेश देने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।" न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला, "इस प्रकार, हम पाते हैं कि पारिवारिक न्यायालय द्वारा दिया गया फैसला किसी भी प्रकार से अवैधानिक या विकृत नहीं हैं।"

Web Title: Punjab and Haryana High Court says Calling Husband Transgender Amounts To Mental Cruelty Punjab & Haryana High Court mother giving birth eunuch tantamount 

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