राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि पुलवामा आतंकी हमला देश पर प्रहार है और इस मुद्दे को राजनीतक रंग देने की कोई कोशिश नहीं होनी चाहिए। पवार ने कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय हुए इस तरह के कुछ हमलों के बाद दिये गये बयानों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथ लिया।
पुणे जिले के बारामती में संवाददाताओं से बातचीत में पवार ने जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले को देश पर हमला बताया। पवार ने कहा, ‘‘मुझे याद आता है कि सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री मोदी अपनी चुनावी रैलियों में कहते थे कि मनमोहन सिंह सरकार पाकिस्तान को सबक सिखाने में नाकाम रही है। वह कहते थे कि मनमोहन सिंह सरकार में सबक सिखाने की क्षमता नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि मोदी अपनी रैलियों में जनता का आह्वान करते थे कि संप्रग सरकार की जगह भाजपा को लाएं तो ऐसे आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है। पवार ने कहा, ‘‘अब सभी ने देख लिया कि क्या हुआ। लेकिन आज मैं वो मांग नहीं दोहराऊंगा जो मोदी ने उस समय उठाई थी।’’
उन्होंने कहा कि मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले अपनी जो छवि बनाई थी, वह अब शत प्रतिशत विफल हो गयी है। पवार ने यह भी कहा कि पुलवामा हमले की तीव्रता और इसमें इस्तेमाल विस्फोटकों को देखने के बाद इसमें पाकिस्तान के सरकारी तत्वों के शामिल होने की बात खारिज नहीं की जा सकती।
जम्मू-कश्मीर में अब तक तक के सबसे घातक आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 49 जवान शहीद हो गए और 40 से ज्यादा घायल हो गए। पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर गुरुवार को एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी अपनी कार से सीआरपीएफ के काफिले में टक्कर मार दी।
सीआरपीएफ के 78 वाहनों का काफिला 2500 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर आ रहा था। हमलावर ने जिस बस में टक्कर मारी वह 54वीं बटालियन की थी जिसमें 44 जवान सवार थे। सीआरपीएफ जवानों को निशाना बनाकर किए गए आईईडी विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
जैश प्रवक्ता ने वीडियो जारी कर दावा किया कि इसे आदिल अहमद डार उर्फ वकास कमांडो ने अंजाम दिया। आदिल अहमद डार पुलवामा के काकापोर का रहने वाला था और 2018 में जैश में शामिल हुआ था। डार पुलवामा के गुंडी बाग से आतंकी नेटवर्क चलाता था।
इस घटना से पूरे देश में दुख और गुस्से का माहौल है। इस नापाक हरकत के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पूरे देश में मांग की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उरी के बाद यह देश पर सबसे बड़ा हमला है। पीएम मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा।