पुलवामा हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवानों की मौत हुए एक साल का समय पूरा हो गया है। बीते साल 14 फरवरी को ही आतंकियों ने 2500 सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर आत्मघाती हमला कर दिया था। इस मामले में महाराष्ट्र NCP नेता नवाब मलिक ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलवामा अटैक में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे।
उन्होंने कहा कि अब तक, नरेंद्र मोदी सरकार ने यह पता लगाने के लिए कोई जांच एजेंसी नहीं बनाई है। केंद्र सरकार अब तक यह पता नहीं कर पाई कि RDX कहां से आया और वाहन घटनास्थल पर कैसे पहुंचा? जिस वाहन से घटना को अंजाम दिया गया वह चालक जेल में था। वह बाहर कैसे आया? जांच होनी चाहिए क्योंकि लोग सच्चाई जानना चाहते हैं।
इसके अलावा, राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'आज जब हम पुलवामा के चालीस शहीदों को याद कर रहे हैं, तब हमें इस सवालों को पूछना चाहिए।' राहुल गांधी ने पुलवामा को लेकर तीन सवाल उठाए हैं। वो इस प्रकार है..., पहला सवाल- ' हमले से किसे सबसे ज्यादा फायदा हुआ?'। दूसरा सवाल- हमले को लेकर हुई जांच का क्या परिणाम निकला?'। तीसरा सवाल- सुरक्षा में चूक के लिए बीजेपी की सरकार में किसकी जवाबदेही तय हुई?।' 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व बल) के काफिले पर हमला किया गया था। जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
पुलवामा हमला और भारत की जवाबी कार्रवाई14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 6 वीं बटालियन का काफिला गुजर रहा था। लेकिन सड़क के दूसरी तरफ से आकर जैश-ए- मोहम्मद के आतंकी की कार ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले को टक्कर मारी और विस्फोट हुआ, जिसमें 40 जवान शहीद हुए। हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली।
घटना को अंजाम जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी अदील अहमद डार ने दी थी। पुलवामा हमले के ठीक 12 दिन बाद 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद कै ठिकानों पर एयरस्ट्राइक किया था। भारतीय सेना ने दावा किया था कि 300 आतंकवादी मारे गए हैं।