नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचीं, जहां पिछले 11 दिनों से पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले प्रदर्शनकारी पहलवानों पर बरसते हुए पीटी उषा ने कहा था कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है।
आईओए को आरोपों पर अपनी जांच अभी पूरी करनी है जबकि सरकार द्वारा गठित निगरानी पैनल की जांच को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। तीन महीने के लंबे इंतजार से निराश पहलवानों ने 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की गिरफ्तारी को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। स्पष्ट है पहलवानों के इस कदम से आईओए खुश नहीं है।
बता दें कि सिंह पर दो प्राथमिकी में एक महिला की लज्जा भंग करने, पीछा करने और पॉक्सो अधिनियम की धारा 10 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सात महिला पहलवानों और एक नाबालिग लड़की द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद भाजपा सांसद ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है। बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित देश के चोटी के पहलवानों ने जंतर मंतर पर धरना दे रखा है।
वह बृजभूषण पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जिनके खिलाफ उन्होंने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। उनकी मांग है कि आरोपों की जांच करने वाले केंद्र द्वारा नियुक्त पैनल के निष्कर्षों को सार्वजनिक किया जाए।