यूपी में उद्योगपतियों को जमीन मुहैया करना बना चुनौती, उद्योग लगाने के लिए दी जाएगी बंद पड़े सरकारी संस्थानों की जमीन
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 18, 2023 19:18 IST2023-06-18T19:18:08+5:302023-06-18T19:18:08+5:30
20,716 निवेशकों को राज्य में उद्योग लगाने के लिए जमीन मुहैया करने का वादा प्रदेश सरकार ने किया था, लेकिन सरकार के पास इन निवेशकों को देने के लिए पर्याप्त जमीन है ही नहीं।

यूपी में उद्योगपतियों को जमीन मुहैया करना बना चुनौती, उद्योग लगाने के लिए दी जाएगी बंद पड़े सरकारी संस्थानों की जमीन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कुछ माह पूर्व हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान राज्य में उद्योग लगाने के इच्छुक निवेशकों को जमीन मुहैया करना योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। गत 10 -12 फरवरी को हुए इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों से करीब 35 लाख करोड़ रुपए के 20,716 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इन 20,716 निवेशकों को राज्य में उद्योग लगाने के लिए जमीन मुहैया करने का वादा प्रदेश सरकार ने किया था, लेकिन सरकार के पास इन निवेशकों को देने के लिए पर्याप्त जमीन है ही नहीं।
ऐसे में अब निवेशकों को उनकी जरूरत के हिसाब से जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए नोडल एजेंसी के तौर पर कार्य कर रहे उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीसी) ने सूबे में बंद पड़े कारखानों, अनुपयोगी, विवादित एवं दीवालिया घोषित और बंद पड़े भूखंडों का अधिग्रहण करने के लिए रणनीति भी बनाई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपीएसआईडीसी की योजना को मंजूरी दे दी है।
यूपीएसआईडीए के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में ग्राम सभा की 871 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न जिलों में ग्राम सभा की 1300 एकड़ भूमि की पहचान की गई है, जिसे अधिग्रहण करने की कार्रवाई जल्दी ही शुरू की जाएगी, ताकि जल्द से जल्द निवेशकों को यह भूमि उद्योग लगाने के लिए दी जा सके।
इसके अलावा भारत सरकार के निष्क्रिय हो चुके प्रयागराज और लखनऊ के संस्थानों के भूखण्डों का अधिग्रहण कर उन्हे निवेशकों को दिया जाएगा। इसके लिए प्रयागराज में बीपीसीएल की करीब 231 एकड़ भूमि और लखनऊ में स्कूटर इंडिया की भूमि करीब 147 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
इसके साथ ही यूपीएसआईडीसी इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए जमीन मुहैया कराने के लिए उन भूखंडों का अधिग्रहण करने के लिए प्रयासरत है जो दिवालिया घोषित होने प्रक्रिया के या विधिक मुकदमेबाजी के परिणामस्वरूप फंसे हुए हैं. यूपीएसआईडीसी कुशल विधिक पेशेवरों की सहायता से प्रतापगढ़ में ऑटो ट्रैक्टर लिमिटेड की 97 एकड़ भूमि और हाथरस के सलेमपुर क्षेत्र में 580 एकड़ भूमि को मुक्त करने में सफल हुआ है।
अब इसी तरह से अन्य जिलों में भी भूखंड प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा बंद हो चुकी कताई मिलों, कपड़ा मिलों और चमड़े के कारखानों आदि की उद्योगों के भूखंडों की भी हर जिले में तलाश की जा रही है, ताकि उन्हें उद्योग लगाने के लिए निवेशकों को दिया जा सके।
गौरतलब है कि राज्य में औद्योगिक निवेश को लाने के लिए योगी सरकार ने गत 10-12 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इस समिट का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। देश और विदेश के बड़े निवेशक इस समिट में शामिल हुए थे। इन सब की मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह ऐलान किया था कि इस समिट में 20,716 निवेशकों ने यूपी में उद्योग लगाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए है।
देश में आज यूपी ने एक नया इतिहास रचा है। अब इन निवेशकों अपना उद्योग लगाने के लिए जमीन की दरकार है, तो सरकार को भी इन्हे जमीन मुहैया कराने की चिंता हुई है. अब दिक्कत यह है कि औद्योगिक संस्थानों के पास पर्याप्त जमीन हर जिले में नहीं है।
ऐसे में अब उद्योगों की स्थापना के लिए निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराने के नये विकल्प तलाशे जा रहे हैं। ऐसे में अब नये उद्योगों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए पुराने बंद हो गए सरकारी संस्थानों और निजी कारखानों की जमीन खोजी जा रही है।