कन्नौज में अक्षय कुमार की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ को लेकर आक्रोश, अधिवक्ताओं ने निर्देशक का फूंका पुतला, जानें कारण

By भाषा | Updated: June 6, 2022 21:40 IST2022-06-06T21:38:51+5:302022-06-06T21:40:28+5:30

कन्नौज बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार यादव और अनिल द्विवेदी तपन की अगुआई में अधिवक्ताओं ने “सम्राट पृथ्वीराज” फिल्म के निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी का पुतला फूंककर अपना विरोध जताया। 

protest against akshay kumars film samrat prithviraj in kannauj demand to remove jaichands traitor character | कन्नौज में अक्षय कुमार की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ को लेकर आक्रोश, अधिवक्ताओं ने निर्देशक का फूंका पुतला, जानें कारण

कन्नौज में अक्षय कुमार की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ को लेकर आक्रोश, अधिवक्ताओं ने निर्देशक का फूंका पुतला, जानें कारण

Highlightsअधिवक्ताओं ने निर्देशक चंद्रप्रकाश का फूंका पुतलाफिल्म पर कन्नौज को बदनाम करने का आरोपकन्नौज पर गलत तरीके से दिखाए गये दृश्य को हटाने की मांग

कन्नौज:कन्नौज बार एसोसिएशन की अगुवाई में अधिवक्ताओं ने सोमवार को अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर अभिनीत फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ का विरोध करते हुए फिल्म के निर्देशक का पुतला फूंका और फिल्म से कन्नौज पर दिखाए गये दृश्य को हटाने की मांग की। सोमवार को कन्नौज बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार यादव और अनिल द्विवेदी तपन की अगुआई में अधिवक्ताओं ने “सम्राट पृथ्वीराज” फिल्म के निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी का पुतला फूंककर अपना विरोध जताया। 

इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल द्विवेदी तपन ने कहा ''इस फिल्म में कन्नौज की धरती को गलत तरीके से बदनाम करने की कोशिश की गई है, इसलिए जब तक इस फिल्म से कन्नौज पर गलत तरीके से दिखाए गये दृश्य को हटाया नहीं जाता, तब तक कन्नौज के लोग विरोध करते रहेंगे।'' कन्नौज बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार यादव ने कहा, ''इस फिल्म को कन्नौज में तब तक लगने नहीं दिया जाएगा जब तक कन्नौज को बदनाम करने की कोशिश करने वाले दृश्य को हटाया नही जाता।'' 

फिल्म के खिलाफ अदालत जाने की तैयारी कर रहे अधिवक्ताओं ने कहा कि पुराने इतिहास को निकालकर न्यायालय में प्रस्तुत किया जायेगा कि किस आधार पर कन्नौज के सम्राट जयचंद को गद्दार कहा गया। उनका दावा है कि फिल्म में पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि चंद्रवरदाई की किताब के माध्यम से फिल्म में गलत तथ्य प्रस्तुत कर कन्नौज को बदनाम करने की कोशिश की गई। कन्नौज यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। 

फिल्म में दर्शाए गए दृश्यों पर अपना विरोध जताते हुए 92 वर्षीय वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर जीवन शुक्ल ने कन्नौज के सम्राट जयचंद के बारे में कहा कि सम्राट जयचंद ने अपने राज्य की रक्षा करते हुए चंद्रावर के मैदान में अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने दावा किया कि कई शताब्दियों बाद समय की राजनीति ने नियोजित ढंग से उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया और उसका आधार चंद्रवरदाई कृत 'पृथ्वीराज रासो' में वर्णित कल्पित कहानी का प्रसंग है। 

शुक्ल ने कहा कि साहित्य और इतिहास दोनों के पास इस रासो में वर्णित कल्पित आख्यान के विरोध में साक्ष्य मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रश्न कन्नौज क्षेत्र के स्वाभिमान से जुड़ा है इसलिए कन्नौज क्षेत्र के विधायक सांसद इस मुद्दे को लोकसभा और विधानसभा में उठाएं। उन्होंने दावा किया कि पृथ्वीराज चौहान को छल से मोहम्मद गोरी ने बंधक बनाया था और उसी मोहम्मद गोरी से युद्ध लड़ते हुए जयचंद भी शहीद हुए थे। 

सम्राट जयचंद्र पर किताब लिखने वाले साहित्यकार सुशील राकेश ने कहा कि जयचंद एक अविजित साम्राज्य के महत्वपूर्ण शासक थे। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज‘ को प्रदेश में टैक्स फ्री (कर मुक्त) करने की घोषणा की है।

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