1 अप्रैल से 10 सरकारी बैंकों का 4 बैंकों में हो जाएगा विलय, जानें इसके फायदे

By स्वाति सिंह | Published: March 4, 2020 04:17 PM2020-03-04T16:17:16+5:302020-03-04T17:53:50+5:30

मोदी सरकार ने पिछले साल अगस्त में बड़ा फैसला लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 12 पर आ गयी जो 2017 में 27 थी।

Proposed merger 10 banks effective from April 1, 2020, know the advantages of merger of public banks | 1 अप्रैल से 10 सरकारी बैंकों का 4 बैंकों में हो जाएगा विलय, जानें इसके फायदे

मोदी सरकार एनबीएससी और गृह ऋण से संबंधित संस्थाओं को 3300 करोड़ रु पए का पूंजीगत समर्थन देगी।

HighlightsPM मोदी की अध्यक्षता में  कैबिनेट ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के विलय को मंजूरी दी हैबैंकों का प्रस्तावित विलय एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का काम जारी है। उन्होंने कहा कि विलय एक अप्रैल 2020 से प्रभाव में आ जायेगा। सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और सरकार संबंधित बैंकों के साथ लगातार संपर्क में है।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई नियामकीय मुद्दा नहीं होगा। वित्त मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैंक विलय का काम पटरी पर है और संबंधित बैंकों के निदेशक मंडल पहले ही निर्णय कर चुके हैं।’’ विलय का मकसद देश में वैश्विक आकार के बड़े बैंक बनाना है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल अगस्त में बड़ा फैसला लेते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की।

इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 12 पर आ गयी जो 2017 में 27 थी। इस निर्णय के तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स का विलय पंजाब नेशनल बैंक में, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में और आंध्र बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में करने का प्रस्ताव है। पिछले साल देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय कर दिया गया है। पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय किया जाएगा, जिससे यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के ऐलान के दौरान ही सरकार की कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है।

इस बैंक में होगा विलयइन बैंकों का होगा विलय
पंजाब नैशनल बैंकओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
केनरा बैंकसिंडिकेट बैंक
यूनियन बैंक ऑफ इंडियाआंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक
इंडियन बैंकइलाहाबाद बैंक

विलय से भारतीय बैंकों का थोड़ा नुकसान होता दिखाई देता है लेकिन व्यापक तौर पर यह फायदेमंद है।

- बड़े बैंकों को उच्च पूंजी बना कर रखनी होती है, क्योंकि इससे नियामक व सरकार द्वारा जायज मदद की संभावनाएं बढ़ती है।

- बड़े बैंक अल्प व दीर्घकालिक तरलता का प्रबंधन कर सकते हैं और अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा पर लगाम लगा सकते हैं।

- बैंकों का आकार बड़ा करना ना केवल अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे व्यावसायिक लागत में भी कमी आती है। - एक और लाभ यह है कि तकनीकी दक्षता बढ़ती है, जिससे बैंकों में होने वाला लेन-देन अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार होते हैं।

- दक्षता बढ़ने से बैंकिंग उत्पाद व सेवाओं में भी गुणवत्ता बढ़ती है।

- व्यावसायिक मानकों में सुधार के अलावा बैंकों का बड़ा आकार होने से भारतीय बैंकिंग प्रणाली सुदृढ़ बनेगी, खास तौर पर पीएसबी की।

- आरबीआई बैंकिंग क्षेत्र में विश्व की सर्वश्रेष्ठ प्रणाली का अनुसरण कर रहा है।

- नरसिह्मन कमेटी (1991-1998) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करने की सिफारिश की थी।

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