प्रोफेसर ने निलस्सोनिया हुरुम प्रजाति के कछुए को असम के मछली बाजार से बचाया
By भाषा | Published: November 30, 2020 05:05 PM2020-11-30T17:05:27+5:302020-11-30T17:05:27+5:30
गुवाहाटी, 30 नवंबर असम में एक प्रोफेसर की बदौलत आईसीयूएन की लाल सूची में दर्ज निलस्सोनिया हुरुम प्रजाति के एक कछुए को मछली बाजार में बेचे जाने से सोमवार को बचा लिया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि असम विश्वविद्यालय में ‘लाइफ साइंस एवं बायोइन्फॉर्मेटिक्स’ विभाग की प्रमुख सरबानी गिरि मछली बाजार गई थी और उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति ‘निलस्सोनिया हुरुम’ प्रजाति का जीवित कछुआ बेच रहा था।
एक वन अधिकारी ने बताया कि वह व्यक्ति कछुए को टुकड़ों में बांटकर बेचना चाहता था, लेकिन गिरि ने उसे ऐसा करने से तत्काल रोक दिया और उसे 4,000 रुपए में जिंदा खरीदने का प्रस्ताव रखा।
व्यक्ति ने कछुआ गिरि को दे दिया। गिरि ने कछुए को घर लाने के बाद सिलचर में कछार वन प्रभाग को फोन किया, ताकि उसे उसके प्राकृतिक आवास में भेजा जा सके।
वनकर्मियों ने प्रोफेसर से कछुआ लिया और उसकी जान बचाने के लिए उन्हें धन्यवाद किया।
कछुए की यह प्रजाति दक्षिण एशिया में पाई जाती है और आईयूसीएन (प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ) ने इस प्रजाति को खतरे के मद्देजनर लाल सूची में रखा है।
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