सोनभद्र नरसंहार: मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हुई, प्रियंका गांधी जाएंगी मृतक आदिवासियों के परिजनों से मिलने
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 19, 2019 09:02 AM2019-07-19T09:02:07+5:302019-07-19T09:02:07+5:30
सोनभद्र में घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से खरीदी गई 90 बीघा जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर जमीन जोतने की कोशिश की। विरोध करने पर उसकी तरफ के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस वारदात में नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। एक घायल ने बाद में दम तोड़ दिया। 18 अन्य जख्मी हो गए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को सोनभद्र नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने सोनभद्र जाएंगी। बुधवार को भूमि विवाद को लेकर नरसंहार में 10 लोगों की मौत हो गई थी। इस सिलसिले में 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मामले में हिंसा के मुख्य आरोपी एक ग्राम प्रधान को भी पकड़ लिया। बुधवार की हिंसा में 18 अन्य घायल भी हो गये। इस मामले में 61 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें 11 नामजद हैं।
दो सदस्यीय समिति का गठन
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हुई गोलीबारी की घटना पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग ने गुरूवार को घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बनाई। आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि उपाध्यक्ष मनीराम कौल के नेतृत्व वाली आयोग की टीम में रामसेवक खारवार भी सदस्य हैं। टीम घटनास्थल पर जाकर आदिवासियों और घायलों से मुलाकात करेगी और अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष बृजलाल को सौंपेगी।
विज्ञप्ति में कहा गया कि आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर आदिवासियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और प्रकरण की भलीभांति जांच कराई जाए। आयोग ने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो। दोषियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाना चाहिए ताकि वे जमानत ना पा सकें।
क्या है पूरा मामला
सोनभद्र में घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से खरीदी गई 90 बीघा जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर जमीन जोतने की कोशिश की। विरोध करने पर उसकी तरफ के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस वारदात में नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी। एक घायल ने बाद में दम तोड़ दिया। 18 अन्य जख्मी हो गए।
प्रशासनिक अधिकारी गुरुवार शाम लगभग पांच बजे मृतकों के शव लेकर उभ्भा गांव पहुंचे। शवों को देखते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। शवों को दफ़नाने के स्थान को लेकर प्रशासन एवं ग्रामीणों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई।
गांव वालों की मांग थी कि जहां गोली चली है, शवों को उसी ज़मीन में दफ़नाया जाए जबकि प्रशासन का कहना था कि परम्परागत स्थान पर ही दफ़नाया जाएगा। अंतत: देर रात मामले में गतिरोध समाप्त हो गया और अधिकारियों ने ग्रामीणों को उनकी जिद छोड़ने के लिए मना लिया। पीड़ितों के परिजनों को जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए किसान सर्वहित बीमा योजना के अनुसार दिया जाएगा।
मृतकों के परिजनों की मांग के अनुसार शासन को जनपद राबर्ट्सगंज, ओबरा एवं घोरावल के विधायक तथा ज़िला पंचायत अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर के साथ एक पत्र शासन को भेजा गया है, जिसमें मृतकों के परिजनों को 10 बीघा ज़मीन और 5 लाख रुपए नक़द तथा घायलों को 5 लाख रूपये नक़द एवं 5 बीघा ज़मीन देने की मांग की गयी है। इसके अतिरिक्त जिस मृतक परिवार में कोई कमाने वाला सदस्य न हो उसके एक सदस्य को सफ़ाई कर्मी की नौकरी देने की अनुशंसा की गई है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने किया दौरा
इस बीच, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल उस जगह गया, जहां बुधवार को 10 आदिवासियों की हत्या कर दी गयी थी। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से प्रकरण की न्यायिक जांच कराने की मांग की। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय सिंह लल्लू ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। लल्लू ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रिपोर्ट सौंप दी है ।