रसोई गैस के बढ़े दाम पर उबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र, वाराणसी में महिलाओं ने कोयले के चूल्हे पर खाना बनाकर किया विरोध प्रदर्शन
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 30, 2022 07:35 PM2022-03-30T19:35:39+5:302022-03-30T19:46:52+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सामाजिक संस्था सुबह-ए- बनारस ने मैदागिन स्थित भारतेंदु पार्क में बढ़े हुए ईंधन के दामों पर बहुत ही तीखा विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने अनोखे ढंग से कोयले के चूल्हे पर रोटियां बनाकर इस विरोध में हिस्सा लिया। बनारस की महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग कर रही थीं कि वो तत्काल गैस, पेट्रोल और डीजल के बढ़े हुए दामों को वापस लेने की घोषणा करें।
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आज महिलाओं ने रसोई गैस की कीमतों में हुए वृद्धि को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री मोदी का शहर आज बढ़े हुए पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस के मूल्य के कारण पूरे उबाल पर था।
सामाजिक संस्था सुबह-ए- बनारस की ओर से मैदागिन स्थित भारतेंदु पार्क में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में महिलाओं ने अनोखे ढंग से कोयले के चूल्हे पर रोटियां बनाकर हिस्सा लिया।
बनारस की महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग कर रही थीं कि वो तत्काल गैस, पेट्रोल और डीजल के बढ़े हुए दामों को वापस लेने की घोषणा करें।
इस मौके पर काशी महिलाओं ने कहा कि घरेलू गैस के दामों में हो रही प्रतिदिन की वृद्धि के कारण उनके पूरे महीने का बजट गड़बड़ हो गया है। पेट्रोल और डीजल की मूल्य वृद्धी से महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
महंगाई इस कद सिर चढ़कर बोल रही है कि खाने-पीने की सभी चीजों का भाव आसमान को छू रहे हैं। महंगाई की आंच अब सीधे गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों के चूल्हे तक पहुंच चुकी है।
महिलाओं ने कहा कि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में हुई वृद्धी के चलते उन्हें घर की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। रोजाना की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी जी को महंगाई पर नियंत्रण के लिए गंभीरता से विचार करना होगा। मौजूदा समय में आम जन मानस के लिए 'आमदनी अठन्नी-खर्चा रुपया' की कहावत चरितार्थ हो रही है। मध्यम श्रेणी से लेकर आम जनता के पास अब मोदी जी से गुहार लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
प्रदर्शन में मौजूद महिलाएं इस बात के लिए बहुत आक्रोशित थी कि रोजमर्रा की चीजें जैसे हरी सब्जियां, तेल, दाल, मसाले, आदि की आसमान छूते कीमतों के कारण कितने ही परिवारों को महीने का खर्च चलाने के लिए कर्ज तक लेना पड़ रहा है।
इस धरना-प्रदर्शन में प्रतिमा चौरसिया, नीलम, सरोजिनी सहित सुबह-ए- बनारस संस्था के चंद्र शेखर चौधरी, सुमीत सर्राफ, प्रदीप गुप्त, डॉक्टर मनोज यादव और पंकज पाठक सहित कई लोग शामिल रहे।