PM Modi Saudi Arabia Visit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को जेद्दा के लिए रवाना हुए। उन्होंने अपने सऊदी अरब दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जिसमें लिखा कि सऊदी अरब के साथ अपने लंबे और ऐतिहासिक संबंधों को भारत बहुत महत्व देता है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों ने रणनीतिक स्तर पर प्रगाढ़ता और गति हासिल की है। सऊदी अरब के वली अहद (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा से पहले अपने प्रस्थान वक्तव्य में मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा और लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी और ठोस साझेदारी विकसित की है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय शांति, समृद्धि, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए हमारी साझा रुचि और प्रतिबद्धता रही है।’’ उन्होंने कहा कि यह देश की उनकी तीसरी और ऐतिहासिक शहर जेद्दा की पहली यात्रा होगी। उन्होंने कहा कि वह 2023 में मोहम्मद बिन सलमान की भारत की अत्यधिक सफल राजकीय यात्रा के बाद अपनी इस यात्रा को लेकर और ‘स्ट्रटजिक पार्टनरशिप काउंसिल’ की दूसरी बैठक में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं। मोदी ने वली अहद सलमान के लिए ‘‘मेरे भाई’’ संबोधन का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि वह सऊदी अरब में भारतीय समुदाय से जुड़ने के लिए भी उत्सुक हैं, जो दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु के रूप में सतत काम कर रहा है और सांस्कृतिक एवं मानवीय संबंधों को मजबूत करने में बहुत बड़ा योगदान देता है।
गौरतलब है कि अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी द्विपक्षीय वार्ता के अलावा, भारतीय प्रवासियों से भी मिलेंगे। पीएम मोदी की सऊदी अरब की इससे पहले की यात्राएं 2016 और 2019 में हुई थीं। यह यात्रा सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने और भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री हिज रॉयल हाइनेस प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की नई दिल्ली की राजकीय यात्रा के बाद हो रही है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत और सऊदी अरब के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक और व्यापारिक संपर्कों का लंबा इतिहास है और इनके बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा सऊदी अरब के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को भारत द्वारा दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "इससे हमारी बहुआयामी साझेदारी को और गहरा करने और मजबूत करने का अवसर मिलेगा, साथ ही आपसी हितों के विभिन्न क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा।"