POCSO एक्ट के तहत दया याचिका का प्रावधान खत्म किया जाना चाहिए: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
By विनीत कुमार | Published: December 6, 2019 02:44 PM2019-12-06T14:44:51+5:302019-12-06T14:44:51+5:30
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि POCSO एक्ट के तहत रेप के आरोपियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
हैदराबाद के बाद उत्तर प्रदेश के उन्नाव से भी दुष्कर्म पीड़िता को जलाये जाने की घटना के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि POCSO एक्ट के तहत रेप के आरोपियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे लोगों को इस प्रकार के किसी भी अधिकार की जरूरत नहीं है।
राष्ट्रपति ने राजस्थान के सिरोही में एक कार्यक्रम में ये बात कही। राष्ट्रपति का ये अहम बयान उस समय आया है जब शुक्रवार सुबह ही हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों को पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया।
वहीं, दूसरी ओर यूपी के उन्नाव की रेप पीड़िता दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। पोक्सो एक्ट के तहत रेप आरोपियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। संसद को दया याचिकाओं की समीक्षा करनी चाहिए।'
President Ram Nath Kovind at an event in Sirohi, Rajasthan: Women safety is a serious issue. Rape convicts under POCSO Act should not have right to file mercy petition. Parliament should review mercy petitions. pic.twitter.com/sUiydWKwHI
— ANI (@ANI) December 6, 2019
कोविंद ने कहा, 'अब यह सब हमारी संसद पर निर्भर करता है। उसमें एक संविधान है और उसमें संशोधन लेकिन उस दिशा में हम सब की सोच एक आगे बढ रही है।'
राष्ट्रपति ने कहा, 'महिला सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर विषय है। इस विषय पर बहुत काम हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है।' उन्होंने कहा कि बेटियों पर होने वाले आसुरी प्रहारों की वारदातें देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख देती हैं। लड़कों में ‘महिलाओं के प्रति सम्मान’ की भावना मजबूत बनाने की ज़िम्मेदारी हर माता-पिता की है।
इस बीच बता दें कि निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड मामले में एक आरोपी विनय शर्मा की दया याचिका गृह मंत्रालय की ओर से निर्धारित प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति के पास पहुंचा दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से सिफारिश की है कि दया याचिका को खारिज किया जाए।
(भाषा इनपुट)