केंद्र की राह पर बिहारः दहेज की मांग पर कम से कम पांच साल की कैद और 15 हजार रुपये जुर्माना या दहेज की रकम का मूल्य जो भी ज्यादा हो
By भाषा | Published: July 2, 2019 06:27 PM2019-07-02T18:27:41+5:302019-07-02T18:27:41+5:30
केंद्र के दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की तर्ज पर दहेज निषेध (बिहार संशोधन) (निरसन) विधेयक 2018 तैयार किया गया है। इससे 1975 में बना पिछला कानून अमान्य हो गया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार सरकार राज्य में दहेज की मांग पर लगाम लगाने के लिये केंद्र के कानून को लागू करेगी।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बिहार के एक विधेयक समेत राज्यों के सात विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रपति ने जिन सात विधेयकों को मंजूरी दी है उनमें से आंध्र प्रदेश के दो तथा तमिलनाडु, त्रिपुरा, राजस्थान,झारखंड और बिहार के एक-एक विधेयक हैं।
केंद्र के दहेज निषेध अधिनियम, 1961 की तर्ज पर दहेज निषेध (बिहार संशोधन) (निरसन) विधेयक 2018 तैयार किया गया है। इससे 1975 में बना पिछला कानून अमान्य हो गया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार सरकार राज्य में दहेज की मांग पर लगाम लगाने के लिये केंद्र के कानून को लागू करेगी।
केंद्रीय कानून के मुताबिक, दहेज की मांग पर कम से कम पांच साल की कैद और 15 हजार रुपये जुर्माना या दहेज की रकम का मूल्य जो भी ज्यादा हो। जिन अन्य विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली है उनमें तमिलनाडु वन (संशोधन) विधेयक,2017, अपराध कानून (त्रिपुरा संशोधन) विधेयक, 2018, आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (आंध्र प्रदेश संशोधन) विधेयक 2018, राजस्थान भवन स्वामित्व विधेयक 2015 और बंगाल, आगरा और असम नागरिक अदालत (झारखंड संशोधन) विधेयक 2018 शामिल हैं।