राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा कई अन्य राजनेताओं ने भी बापू को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पीएम मोदी ने ट्वीट करके बताया कि वो बुधवार को डांडी यात्रा पर जाएंगे और वहां डांडी मेमोरियल का उद्घाटन करेंगे। राहुल गांधी ने बापू के कथन को याद करते हुए लिखा, "एक समाज की महानता और प्रगति इस बात से लगायी जा सकती है कि वहां कमजोर और असुरक्षित सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।”
30 जनवरी को वो स्याह शाम...
30 जनवरी 1948 का दिन कहने को तो साल के बाकी दिनों जैसा ही था, लेकिन शाम होते होते यह इतिहास में सबसे दुखद दिनों में शुमार हो गया। दरअसल 30 जनवरी 1948 की शाम को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की जान ले ली और नव स्वतंत्र राष्ट्र के सिर से पिता का साया छीन लिया। विडम्बना देखिए कि अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए।
वह उस दिन भी रोज की तरह शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे। उसी समय गोडसे ने उन्हें बहुत करीब से गोली मारी और साबरमती का संत ‘हे राम’ कहकर दुनिया से विदा हो गया। अपने जीवनकाल में अपने विचारों और सिद्धांतों के कारण चर्चित रहे मोहन दास करमचंद गांधी का नाम उनकी मृत्यु के बाद दुनियाभर में कहीं ज्यादा इज्जत और सम्मान से लिया जाता है।
पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर