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होटल के दरवाजे पर संविधान की प्रस्तावना, ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने इसे CAA से जोड़ा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 21, 2020 14:18 IST

पुराने अहमदाबाद के लाल दरवाजा क्षेत्र स्थित ‘द हाउस आफ मंगलदास गिरधरदास’ या ‘द हाउस आफ एमजी’ एक धरोहर होटल है। उसके स्वागत कक्ष में प्रवेश के साथ ही कोई भी उसके शीशे के दरवाजे पर संविधान की प्रस्तावना लगा देख सकता है।

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ठळक मुद्देअहमदाबाद के एक होटल दरवाजे पर संविधान का प्रस्तावना लगायी हैकुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इसे संशोधित नागरिकता कानून के साथ जोड़ना शुरू कर दिया।

अहमदाबाद के एक जानेमाने होटल के स्वागत क्षेत्र के पास स्थित शीशे के दरवाजे पर संविधान का प्रस्तावना लगायी गई है जिसके बाद कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इसे संशोधित नागरिकता कानून के साथ जोड़ना शुरू कर दिया।

यद्यपि होटल ने स्पष्ट किया कि उसके द्वारा दरवाजे पर संविधान की प्रस्तावना को लगाने का नये नागरिकता कानून के साथ कोई लेना देना नहीं है। होटल ने कहा कि इसे तीन चार महीने पहले लगाया गया था जब सीएए अस्तित्व में भी नहीं आया था।

पुराने अहमदाबाद के लाल दरवाजा क्षेत्र स्थित ‘द हाउस आफ मंगलदास गिरधरदास’ या ‘द हाउस आफ एमजी’ एक धरोहर होटल है। उसके स्वागत कक्ष में प्रवेश के साथ ही कोई भी उसके शीशे के दरवाजे पर संविधान की प्रस्तावना लगा देख सकता है। होटल में एक रेस्त्रां भी है जिसका नाम ‘‘अगाशिये’’ है जिसका मतलब ‘छत पर’ होता है।

एक ट्विटर उपयोगकर्ता सुखद ने रविवार को होटल के दरवाजे की एक तस्वीर साझा की और कहा, ‘‘अहमदाबाद में खाने के लिए मेरे पसंदीदा स्थानों में से एक के दरवाजे पर यह लिखा है। ढेर सारा प्यार, अगाशिये और हाउस आफ एमजी।’’

व्यक्ति ने यद्यपि इसे सीएए प्रदर्शन से नहीं जोड़ा, कुछ अन्य ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने पूछा कि क्या यह पहले से था। एक उपयोगकर्ता ने कहा, ‘‘सीएए ने हमें प्रस्तावना का अधिक सम्मान करना सीखा दिया है।’’

सुखद के ट्वीट को 101 रीट्वीट और 588 लाइक मिल चुके हैं। होटल प्रबंधन के अनुसार उसके दरवाजे की डिजाइन के बारे में संशोधित नागरिकता कानून के पिछले महीने संसद में पारित होने से बहुत पहले विचार किया गया था।

होटल की सोशल मीडिया प्रबंधक मौमिता घोष ने कहा, ‘‘चूंकि स्वागत क्षेत्र का कांच का दरवाजा पारदर्शी था, इसलिए आगंतुक इससे चोटिल हो रहे थे क्योंकि वे उसे देख नहीं पा रहे थे। इसलिए हमारे सर (अभय) ने इसे दृष्टिगोचर करने के लिए कांच पर कुछ चिपकाने का फैसला किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘करीब छह महीने पहले, वे दरवाजे पर संविधान की प्रस्तावना को दरवाजे पर चिपकाने का विचार रखा।’’

घोष ने कहा कि अभय मंगलदास ने यह विचार रखा क्योंकि उन्होंने वह इसे कहीं और किसी दरवाजे पर लगा देखा था। अभयदास मंगलदास से टिप्पणी के लिए सम्पर्क नहीं हो सका। ‘अगाशिये’ वही रेस्त्रां है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के लिए 2017 में रात्रिभोज दिया था। गत वर्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी वहां पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ गुजराती भोजन का आनंद उठाया था। उल्लेखनीय है कि सीएए का प्रदर्शन करने वाले लोग नये नागरिकता कानून के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए कुछ स्थानों पर संविधान की प्रस्तावना पढ़ रहे हैं।

टॅग्स :गुजरातनागरिकता संशोधन कानून 2019
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