नीतीश को राजद से कोई प्रेम नहीं, प्रशांत किशोर ने कहा- गले भी मिलते और पेट-पीठ में छुरा भी घोपते हैं
By एस पी सिन्हा | Published: January 16, 2023 07:45 PM2023-01-16T19:45:15+5:302023-01-16T19:48:18+5:30
बिहारः 7 दलों के महागठबंधन के साथ सरकार चलाना अलग बात है और 7 दलों के महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ना अलग बात है।
पटनाः बिहार में जन सुराज यात्रा पर निकले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री मार्च 2022 में मुझसे दिल्ली में मिले थे और उनसे लंबी बातचीत हुई थी। राजद और जदयू पर तंज कसते हुए पीके ने कहा कि इन दोनों पार्टियों का जन्म ही एक दूसरे का विरोध करने के लिए हुआ है।
विचारधारा के आधार पर, व्यवहार के आधार पर, कार्यक्रमों के आधार पर इनके विचारों का न मिलना स्वभाविक है। सवाल यह होना चाहिए की इतने विरोधाभास के बावजूद ये दोनों दल कितने दिन तक साथ में बने रहते हैं? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन में इसलिए शामिल हुए हैं।
क्योंकि उन्हें कहीं न कहीं डर और विश्वास दोनों था कि 2024 में लोकसभा का चुनाव हो जाएगा और भाजपा जीत कर आएगी। इसके बाद भाजपा दिल्ली में शपथ लेने के बाद सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री को बदलेगी, क्योंकि भाजपा अगला चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में नहीं लड़ना चाहती थी। इसी डर से नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चले गए।
पीके ने कहा कि 2015 से मुझे पता है कि इनके बीच कितनी खींचतान और परेशानियां हैं। इनके नेता कहते रहेंगे की हम भाई-भाई हैं। हमारे बीच कोई गिले-शिकवे नहीं है। पर ये वही भाई-भाई है जो गले भी मिलते हैं और पेट और पीठ में छुरा भी घोपते हैं। जिस दिन यह मौजूदा महागठबंधन बना था, मैंने उस दिन कहा था कि अगला विधानसभा चुनाव आज की गठबंधन व्यवस्था में नहीं होगा।
7 दलों के महागठबंधन के साथ सरकार चलाना अलग बात है और 7 दलों के महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ना अलग बात है। चुनाव से पहले इनका अलग होना तय है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को राजद से कोई प्रेम नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि राजद नीतीश कुमार को जानती नहीं है। जहां तक भाजपा का सवाल है तो नीतीश कुमार हर मायने में दिल्ली में भाजपा के साथ हैं।
नीतीश कुमार का भाजपा में जाने का रास्ता खुला रहे, इस कारण से नीतीश कुमार ने हरिवंश नारायण सिंह को राज्यसभा का उपसभापति बनाकर एक खिड़की खोल रखी है। बता दें कि जन सुराज पदयात्रा के 107वें दिन की शुरुआत गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड अंतर्गत काशी टेंगराही पंचायत स्थित बुनियादी विद्यालय में सर्वधर्म प्रार्थना के साथ हुई।