पिता प्रणब मुखर्जी से नाराज हैं अभिजीत मुखर्जी, उठा सकते हैं ये बड़ा कदम
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 11, 2018 08:40 AM2018-06-11T08:40:53+5:302018-06-11T09:12:23+5:30
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार को महाराष्ट्र के नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में हाल ही में भाग लिया और संबोधित किया।
नई दिल्ली, 11 जून : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार को महाराष्ट्र के नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में हाल ही में भाग लिया और संबोधित किया। जिसके बाद से कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस की प्रतिक्रिया के बाद अब प्रणब मुखर्जी के परिवार से भी प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं।
खबर के अनुसार प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने पिता प्रणब को नसीहत दी थी, वहीं अब उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की है। इंडियन एक्सप्रेस के ‘दिल्ली कॉन्फिडेंसियल’ कॉलम में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अभिजीत मुखर्जी के तृणमूल कांग्रेस से जुड़ने की अफवाहें उड़ने लगीं हैं। इस खबर के अनुसार प्रणव की सीट पर जंगीपुर से सांसद अभिजीत से पूर्व में तृणमूल कांग्रेस संपर्क कर चुकी है।
लेकिन उस समय अभिजीत ने ये कह कर तृणमूल को स्वीकार नहीं किया था क्योंकि ये उनके पिता के खिलाफ होगा, लेकिन अब खबरों का कहना है कि वह अब एक बार फिर से तृणमूल कांग्रेस के ऑफर पर विचार कर रहे हैं। ऐसे में अगर अभिजीत तृणमूल कांग्रेस का दामन थामते हैं तो इससे साफ हो जाएगा कि वह पिता के खिलाफ जा रहे हैं।
वहीं, प्रणब मुखर्जी के नागपुर में भाषण के बाद उनकी बेटी शर्मिष्ठा ने कहा कि जिस बात का डर था, वही हुआ। उन्होंने अपने पिता को पहले ही आगाह किया था कि उनके संघ मुख्यालय जाने पर सोशल मीडिया पर साजिशें होंगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर तमाम फोटोशॉप्ड तस्वीरें वायरल हो रहीं, जिसमें उनके पिता संघ नेताओं की तरह काली टोपी पहन कर अभिवादन कर रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस की ओर से हाल ही में कहा गया था कि पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने संघ को सच का आइना दिखाया है और मोदी सरकार को भी राजधर्म सिखाया है। लेकिन क्या संघ इसे मानेगा। पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक बहुलतावाद, सहिष्णुता और बहुसंस्कृति वाला देश है, पर क्या संघ सुनने के लिए तैयार है?'पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ हेडक्वॉर्टर नागपुर जाने को लेकर काफी चर्चाएं हुईं थी।
प्रणब मुखर्जी ने संघ को भारत की गौरवशाली इतिहास के बारे में बताया है और भारत की परंपरा का पाठ भी पढ़ाया है। प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के उपर पड़े जाले को भी साफ करने का काम किया है। पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने संघ को देश की विविधता, अहिंसा और सहिष्णुता के बारे में साफ-साफ बता दिया है।