Interview: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा- हिंदू परंपरा को पुनर्जीवित करने का अर्थ ईसाइयों को खत्म करना नहीं है
By शरद गुप्ता | Published: April 6, 2022 08:46 AM2022-04-06T08:46:37+5:302022-04-06T08:46:37+5:30
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने लोकमत के साथ इंटरव्यू में राज्य के विकास की योजनाओं सहित कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने बताया कि गोवा के लिए उनके पास क्या योजनाएं हैं। पढ़िए उनसे बातचीत के मुख्य अंश
पिछले महीने डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा में भाजपा को बहुमत दिलाकर सरकार बनाई और दोबारा मुख्यमंत्री बने. लोकमत मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर (बिजनेस एवं पॉलिटिक्स) शरद गुप्ता ने उनसे गोवा से जुड़े सभी पक्षों पर विस्तृत बातचीत की. पढ़िए साक्षात्कार के प्रमुख अंश -
- आपने गोवा से पुर्तगाली प्रभाव खत्म कर मराठी संस्कृति गौरवशाली बनाने का बीड़ा क्यों उठाया है?
गोवा पर 350 वर्षो तक पुर्तगालियों ने शासन किया. उन्होंने लोगों का धर्म परिवर्तन किया, मंदिर तोड़े, संस्कृति नष्ट कर दी. उसे वापस लाना है. गोवा की छवि अभी केवल खूबसूरत समुद्री बीच और चर्च की है, जो ठीक नहीं है. यहां गांवों में बड़े-बड़े मंदिर हैं. हमारे धार्मिक पर्व और परंपराएं हैं. उन्हें पुनर्जीवित करना है. इसीलिए गुढ़ी पाड़वा पर मैंने शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित सप्तकोटेश्वर मंदिर में पूजा की.
- क्या यह आपकी चुनावी रणनीति नहीं है क्योंकि इस गोवा की 66 प्रतिशत आबादी हिंदू है और ईसाई मात्र 25 प्रतिशत हैं?
यह चुनावी रणनीति नहीं, हमारा विश्वास है. हिंदू परंपरा को पुनर्जीवित करने का अर्थ ईसाइयों को खत्म करना नहीं है. पर्यटन के लिए सरकारी फंडिंग में मंदिरों के साथ हम चर्च को भी खूबसूरत बनाने पर पैसे खर्च कर रहे हैं. लेकिन हम उस गोमंतवादी संस्कृति को पुनर्जीवित करना चाहते हैं जो लुप्त हो गई थी.
- क्या आप 66 बनाम 25 का नारा नहीं दे रहे हैं जैसा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने 80 बनाम 20 के नारे पर चुनाव लड़ा?
बिल्कुल नहीं. हम मोदीजी के नारे ‘सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास रखते हैं. यहां आपस में कभी विभाजन नहीं हुआ. मेरे मंत्रिमंडल में तीन मंत्नी कैथोलिक हैं. हमारे 27 में से 15 विधायक कैथोलिक ईसाई हैं. हमारे गणोश उत्सव में ईसाई आते हैं और हम क्रिसमस पर उनके घर जाते हैं.
- आशंका है कि इससे गोवा के उस स्थापत्य (आर्किटेक्चर), खुली संस्कृति और वातावरण पर असर पड़ेगा जिसके लिए पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं?
आप सही कह रहे हैं कि पूरी दुनिया से लोग गोवा की संस्कृति, वातावरण, भोजन की वजह से ही यहां आते हैं. लेकिन यह आशंका निर्मूल है. हम यहां की संस्कृति अक्षुण्ण रखेंगे. बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन, मेडिकल पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन को और बढ़ावा देंगे.
- क्या यह इसलिए कर रहे हैं क्योंकि गोवा की छवि भारत के बैंकॉक की बन रही है?
नहीं यह सही नहीं है. हम गोवा को देश की पर्यटन राजधानी बनाना चाहते हैं. बेशक हमारे पास कैसिनो हैं, लेकिन हम गोवा को भारत का बैंकॉक नहीं, भारत का मालदीव बनाना चाहते हैं. मेरा प्रयास है कि भारत के लोग ही नहीं पूरी दुनिया से पर्यटक मालदीव जाने के बजाय गोवा आएं. सुंदर साफ समुद्र तटों के साथ गोवा ही नहीं पूरे देश की संस्कृति यहां परिलक्षित होगी. इसीलिए हम यहां निजी क्षेत्र की भागीदारी (पीपीपी) से इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहे हैं.
- लेकिन यह कैसे संभव है जब गोवा में सार्वजनिक परिवहन लगभग नगण्य है?
हम उस पर काम कर रहे हैं. न सिर्फ बसें बल्कि टैक्सियां और जल परिवहन को भी बढ़ा रहे हैं. जल परिवहन कार्यकाल में हमारे एजेंडे में है. अब हर जगह टैक्सी सर्विस का कॉन्टैक्ट नंबर और किराया डिस्प्ले किया जाएगा. हम एप्प बेस्ड टैक्सियों को भी ला रहे हैं. पर्यटकों को गोवा के कोने-कोने में जाने में कोई असुविधा नहीं होगी.
- कई वर्षो बाद आप फिर खनन शुरू करने जा रहे हैं. इससे तो पर्यावरण नष्ट होने का खतरा होगा?
नहीं, हम पर्यावरण का पूरा ध्यान रखते हुए सस्टेनेबल माइनिंग शुरू करेंगे. इस वर्ष के बजट में हमें 650 करोड़ रुपए की आय माइनिंग से होने की आशा है.
- जब गोवा और कर्नाटक दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है तो महादेई नदी के जल बंटवारे का मामला क्यों नहीं सुलझ पा रहा है?
महादेई का पानी गोवा के लोगों की पीने की जरूरत पूरा करने के साथ ही यहां की खेती, जंगल, जानवर सभी के लिए जरूरी है. इसीलिए इस मामले पर हम किसी से कोई कंप्रोमाइज नहीं कर रहे हैं. ट्रिब्यूनल में, सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के सामने सभी जगह हम अपना पक्ष रख रहे हैं. आशा है जल्द ही यह हल हो जाएगा.
- गोवा के विकास की आपकी क्या परिकल्पना है?
गोवा के लोगों की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे अधिक है. साक्षरता के मामले में केरल के बाद हम दूसरे नंबर पर हैं. स्वास्थ्य, फॉरेस्ट कवर, पर्यावरण जैसे सभी क्षेत्नों में गोवा पहले तीन-चार राज्यों में आता है. मेरी कल्पना इसे हर क्षेत्र में पहले नंबर पर लाने की है.
- इस बार कौन से लक्ष्य निर्धारित किए हैं?
मेरा पहला लक्ष्य मोदीजी के आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत स्वयंपूर्ण गोवा बनाना है. दूसरा लक्ष्य सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना है.