यूपी में अभी तक एक भी किसान को नहीं मिली PM-Kisan योजना तीसरी किस्त, वित्त मंत्रालय चिंतित
By रामदीप मिश्रा | Published: September 17, 2019 09:40 AM2019-09-17T09:40:56+5:302019-09-17T09:40:56+5:30
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत, 2,000 रुपये की तीन किस्तों में पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये सीधे हस्तांतरित किए जाने हैं। 1 दिसंबर, 2018 से 31 मार्च, 2019 की अवधि के लिए पहली किस्त ट्रांसफर कर दी गई थी, मई 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले अप्रैल में बड़ी संख्या में किसानों को दूसरी किस्त का भुगतान किया गया था।
उत्तर प्रदेश में अभी तक एक भी किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत तीसरी किस्त का भुगतान नहीं की गई है। जानकारी बीते दिन रात को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट की गई है। तीसरी किस्त 1 अगस्त से 30 नवंबर के बीच होने वाली है, और देश भर के कुल 94.88 लाख किसानों को अब तक 2,000 रुपये का भुगतान किया गया है। आंध्र प्रदेश, गुजरात और तेलंगाना शीर्ष तीन राज्य हैं, जिनकी क्रमश: लगभग 16.35 लाख, 13.99 लाख और 11.03 लाख किसानों को तीसरी किस्त दी गई है।
धीमी पड़ी अर्थव्यवस्था के बारे में चिंतित और विशेष रूप से ग्रामीण मांग को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अधिकारियों को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से भुगतान में देरी के कारणों का पता लगाने के लिए निर्देशित किया है। एक अधिकारी ने कहा कि हमने कृषि सचिव को इस पर गौर करने और भुगतान में तेजी लाने के लिए कहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अुसार, अधिकारी का कहना है कि यह महत्वपूर्ण था कि इस योजना का धन किसान-लाभार्थियों तक पहुंचे, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के आंकड़ों से पता चलता है कि पहली किस्त के दौरान 6.47 करोड़ किसानों को योजना का लाभ मिला। दूसरी किस्त के दौरान लाभार्थियों की संख्या घटकर 3.83 करोड़ रह गई।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत, 2,000 रुपये की तीन किस्तों में पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये सीधे हस्तांतरित किए जाने हैं। 1 दिसंबर, 2018 से 31 मार्च, 2019 की अवधि के लिए पहली किस्त ट्रांसफर कर दी गई थी, मई 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले अप्रैल में बड़ी संख्या में किसानों को दूसरी किस्त का भुगतान किया गया था।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों के आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक चार लाभार्थियों में से एक उत्तर प्रदेश का किसान है। पहली किस्त प्राप्त करने वाले 6.47 करोड़ किसानों में से यूपी के सबसे अधिक लाभार्थी किसान हैं, जिनकी संख्या 1.58 करोड़ है औरकुल मिलाकर लगभग 25 प्रतिशत हैं।