बोर्ड परीक्षा अगस्त तक टालने से कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया होगी प्रभावित : प्रधानाचार्य

By भाषा | Published: May 24, 2021 05:34 PM2021-05-24T17:34:49+5:302021-05-24T17:34:49+5:30

Postponement of board exam till August will affect admission process in colleges: Principal | बोर्ड परीक्षा अगस्त तक टालने से कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया होगी प्रभावित : प्रधानाचार्य

बोर्ड परीक्षा अगस्त तक टालने से कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया होगी प्रभावित : प्रधानाचार्य

(गुंजन शर्मा)

नयी दिल्ली, 24 मई अगर 12वीं बोर्ड की परीक्षा जुलाई-अगस्त में कराने और मूल्यांकन प्रकिया सितंबर तक करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो इससे महाविद्यालयों में प्रवेश की समयसारिणी बाधित होगी और उन विद्यार्थियों की योजना प्रभावित हो सकती है जो विदेश में पढ़ाई की योजना बना रहे हैं। स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने यह राय व्यक्त की है ।

बता दें कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा की परीक्षा 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच कराने और नतीजे सितंबर में घोषित करने का प्रस्ताव किया है।

बोर्ड ने रविवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में दो विकल्प भी प्रस्तावित किए हैं, पहला कि निर्धारित केंद्रों पर केवल अहम विषयों की परीक्षा कराई जाए, दूसरा कि विद्यार्थी जहां पढ़ रहे हैं उसी स्कूल में कम अवधि की परीक्षा कराई जाए।

दिल्ली के रोहिणी स्थित एमआरजी स्कूल के निदेशक रजत गोयल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘नए प्रस्ताव से शिक्षा जगत में नयी परेशानी उत्पन्न होगी। बोर्ड परीक्षा में देरी करने से कॉलेजों में आवेदन करने की तारीख में भी देरी होगी और यही परिपाटी प्रवेश एवं शैक्षणिक सत्रों में भी देखने को मिलेगी। अगर बोर्ड परीक्षा और विश्वविद्यालयों में प्रवेश के बीच उचित अंतर नहीं होगा तो विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए भी समय नहीं मिलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी जानते हैं कि कोविड-19 की स्थिति का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। हम कभी निश्चित नहीं हो सकते कि उस समय स्थिति क्या होगी। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए परीक्षा और उसके बाद नतीजों में देरी का सुझाव नहीं दिया जा सकता। परीक्षा में देरी से विद्यार्थी एक बार फिर मानसिक दबाव में चले जाएंगे जिसका दुष्प्रभव पड़ सकता है।’’

गुरुग्राम के एक शीर्ष स्कूल की प्रधानचार्या ने पहचान जाहिर नहीं करते हुए बताया कि अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन का शैक्षणिक सत्र आमतौर पर सितंबर में शुरू होता है।

उन्होंने कहा,‘‘मैं निश्चित नहीं हूं कि अगर विद्यार्थी विदेश में पढ़ाई करने का इच्छुक है तो वे सितंबर में प्रवेश ले पाएंगे। विदेशी विश्वविद्यालयों में बोर्ड की परीक्षाओं के अंक का सीमित प्रभाव पड़ता है लेकिन निश्चित तौर पर उन्हें यह परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ती है। भारतीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के कैलेंडर भी अस्त व्यस्त हो सकते हैं।’’

गाजियाबाद स्थित डीपीएस-आरएनई की प्रधानाचार्या पल्लवी उपाध्याय ने कहा कि परीक्षा की अवधि तीन घंटे से घटाकर 90 मिनट करने का लाभ नहीं होगा क्योंकि वायरस कुछ क्षण में भी संक्रमित कर सकता है।

डीपीएस इंदिरापुरम की प्रधानाचार्य संगीता हजेला ने कहा कि परीक्षा में देरी से महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के सत्र में भी देरी होगी लेकिन इसकी क्षतिपूर्ति छुट्टियों में कटौती और कुछ महीनों के लिए सत्र का विस्तार कर किया जा सकता है।

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Web Title: Postponement of board exam till August will affect admission process in colleges: Principal

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