कर्ज से दबे किसान ने किडनी बेचने के लगाये पोस्टर, प्रशासन ने जांच के दिए आदेश
By भाषा | Published: August 23, 2019 05:11 AM2019-08-23T05:11:22+5:302019-08-23T05:11:22+5:30
प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र होने के बावजूद उसे किसी सरकारी बैंक से रिण नहीं मिला। उन्होंने बताया कि बैंकों से रिण नहीं मिलने के बाद उसने अपने रिश्तेदारों एवं परिचितों से कर्जा लेकर पशुओं को खरीदा और उनके लिए शेड बनवाया। उन्होंने दावा किया कि अब कर्ज देने वाले लोग उससे ब्याज सहित उनका पैसा मांग रहे हैं।
सहारनपुर जिले के एक किसान ने कर्ज के बोझ से दबे होने का दावा करते हुए शहर में कुछ जगह पोस्टर लगाकर अपनी किडनी बेचने की घोषणा की है। इस बीच सहारनपुर के मंडलायुक्त संजय कुमार ने कहा है कि इस मामले में जांच होने के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो पायेगी। जिले के सरसावा थाना क्षेत्र के तहत आने वाले सतरसाली गांव निवासी रामकुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उसने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत डेयरी फार्मिंग का प्रशिक्षण लिया था।
प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र होने के बावजूद उसे किसी सरकारी बैंक से रिण नहीं मिला। उन्होंने बताया कि बैंकों से रिण नहीं मिलने के बाद उसने अपने रिश्तेदारों एवं परिचितों से कर्जा लेकर पशुओं को खरीदा और उनके लिए शेड बनवाया। उन्होंने दावा किया कि अब कर्ज देने वाले लोग उससे ब्याज सहित उनका पैसा मांग रहे हैं।
रामकुमार ने दावा किया कि उसके पास कर्ज लौटाने के लिए धन नहीं है और दबाव में उसके पास अब अपनी किडनी बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह गया है। इसलिए उसने अपनी किडनी को बेचने संबंधी पोस्टर लगाये हैं।
इस संबंध में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर सहारनपुर के मंडलायुक्त संजय कुमार ने कहा, ‘‘ यह मामला अभी उनकी जानकारी में आया है।’’ उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह इस बात की जांच करायेंगे कि किस स्तर पर इस किसान को बैंक द्वारा रिण वितरण नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी कि किस कारण से किसान रामकुमार को बैंक द्वारा रिण का वितरण नहीं किया गया है।’’