समाज की उन्नति के लिए जनसंख्‍या नियंत्रण प्राथमिक शर्त : योगी

By भाषा | Published: July 11, 2021 09:40 PM2021-07-11T21:40:34+5:302021-07-11T21:40:34+5:30

Population control is the primary condition for the progress of society: Yogi | समाज की उन्नति के लिए जनसंख्‍या नियंत्रण प्राथमिक शर्त : योगी

समाज की उन्नति के लिए जनसंख्‍या नियंत्रण प्राथमिक शर्त : योगी

लखनऊ, 11 जुलाई उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ का लोकार्पण करते हुए कहा कि बढ़ती जनसंख्या समाज में व्याप्त असमानता और अन्य समस्याओं की जड़ है और समाज की उन्नति के लिए जनसंख्‍या नियंत्रण प्राथमिक शर्त है।

कांग्रेस ने प्रस्तावित जनसंख्या कानून पर चर्चा शुरू होने के समय पर सवाल खड़े किए। वहीं, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों को जन्म लेने से कौन रोक सकता है?

मुख्यमंत्री ने 'विश्व जनसंख्या दिवस’ पर अपने सरकारी आवास पर ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बढ़ती जनसंख्या की समस्या के प्रति स्वयं तथा समाज को जागरुक करने का प्रण लेने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में समय-समय पर चिंता व्यक्त की गई कि बढ़ती जनसंख्या विकास में कहीं न कहीं बाधक हो सकती है और उस पर अनेक मंचों से पिछले चार दशकों से निरंतर चर्चा चल रही है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने विधेयक का प्रारूप तैयार किया है। आयोग ने यह प्रारूप अपनी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी है। विधेयक के प्रारूप के अनुसार दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। इसमें सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का भी जिक्र है।

कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका गुप्ता ने जनसंख्या नीति के लोकार्पण के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा को ऐसे समय पर नीति लाने की क्यों सूझी जब प्रदेश में छह महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस नीति का बुरा असर गरीबों पर ना पड़े।

उन्होंने योगी सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार ने अपने कार्यकाल के पिछले साढ़े चार साल के दौरान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कोई जागरुकता अभियान नहीं चलाया और अचानक वह एक नीति को लेकर सामने आ गई। यह बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने का एक हथकंडा है। भाजपा अब लोगों को यह संदेश देने की फिराक में है कि बेरोजगारी के लिए बढ़ती जनसंख्या ही जिम्मेदार है, सरकार की अकर्मण्यता नहीं।

उधर, संभल से सपा के सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने प्रस्तावित जनसंख्या नीति पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ''कानून बनाना आपके हाथ मैं है लेकिन बच्चा पैदा होने से कौन रोक सकता है।''

मुख्यमंत्री योगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत का संदर्भ देते हुए सपा सांसद ने कहा, "अगर सारे हिंदुस्तान को बच्चे पैदा करने नहीं दोगे तो कल को किसी दूसरे मुल्क से मुकाबला करने की जरुरत पड़ी तो लोग कहां से आएंगे।"

उन्होंने कहा, ''इस्लाम और कुरान शरीफ में यह अल्फाज है कि इस दुनिया को अल्लाह ने बनाया है, जितनी रूहे अल्लाह ने पैदा की हैं वो दुनिया में आनी ही हैं। चाहे जितनी रोक लगा लो, चाहे कोई कमीशन बना दो लेकिन बच्चा पैदा करने से कोई रोक नहीं सकता है।''

अपने आवास पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिन देशों ने, जिन राज्यों ने इस दिशा में अपेक्षित प्रयास किये उनके सकारात्मक प्रयास देखने को मिले हैं। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है, समाज के सभी तबकों को ध्‍यान में रखकर इस नीति को प्रदेश सरकार लागू कर रही है। वास्तव में जनसंख्या नियंत्रण का जो प्रयास है वह समाज की व्यापक जागरूकता के साथ जुड़ा हुआ है। हर तबके को इस जागरुकता अभियान के साथ जोड़ना पड़ेगा।"

योगी ने कहा, ''दो बच्‍चों के बीच में उचित अंतराल नहीं होगा तो उसके पोषण पर असर पड़ेगा। शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने में कठिनाई होगी। पिछले चार-पांच वर्षों में जो प्रयास हुए उसके अच्छे परिणाम आए हैं लेकिन अभी और प्रयास की जरूरत है।''

चिकित्‍सा स्‍वास्‍थ्‍य व परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्‍ना ने भी समारोह को संबोधित किया।

अपर मुख्‍य सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि यह जनसंख्‍या नीति अत्‍यंत समावेशी है, प्राकृतिक संसाधनों के साथ जनसंख्या का संतुलन जरूरी है। उन्होंने कहा कि 40 साल में जनसंख्या दोगुने से भी ज्यादा बढ़ी है, इसलिए आवश्यक है कि जनसंख्‍या नियंत्रण के लिए प्रयास किए जाएं, जिससे सर्वजन सुखाय-सर्वजन हिताय के दृष्टिकोण को साकार किया जा सके।

जनसंख्या नीति के बारे में राज्‍य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021 का मूल लक्ष्य सभी लोगों के लिए जीवन के प्रत्येक चरण में उसकी गुणवत्ता में सुधार करना और साथ ही साथ सतत विकास के लिए एक व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण को सक्षम करना।

उन्होंने बताया कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विशिष्ट उद्देश्य प्रस्तावित किये गये हैं जिसके तहत जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्‍य प्राप्‍त किया जाना, निवारण योग्य मातृ मृत्‍यु और बीमारियों की समाप्ति, नवजात और पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की मृत्यु को रोकना और उनके पोषण स्थिति में सुधार करने के अलावा इस नीति में किशोर-किशोरियों के लिए यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित सूचनाओं और सेवाओं में सुधार पर जोर दिया गया है। इसके अलावा वृद्धों की देखभाल और कल्याण में सुधार भी प्राथमिकता में है। इस नीति के जरिये वर्ष 2026 तक महिलाओं में जागरूकता और 2030 तक सकल प्रजनन दर 1.9 प्रतिशत लाना है।

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Web Title: Population control is the primary condition for the progress of society: Yogi

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