भागलपुर: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को भागलपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम नीतीश कुमार की विपक्ष को एकजुट करने की कवायद को निरर्थक बताया है। प्रशांत किशोर ने कहा, बिहार में जो राजनीतिक घटनाक्रम है वो केवल राज्य विशिष्ट मुद्दा है और मुझे नहीं लगता कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर असर पड़ेगा।
यहां बिना नीतीश कुमार का नाम लिए चुनावी रणनीतिकार ने कहा, अगर कोई दिल्ली में लोगों से मिल रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रीय स्तर पर उसका कद बढ़ रहा है। यहां तक की दिल्ली में ममता बनर्जी और केसीआर भी कई नेताओं से मिल चुके हैं।
उन्होंने कहा, मैंने तो कहीं ऐसी घोषणा नहीं देखी जिसमें सारे विपक्ष के नेता एक साथ बैठकर किसी चेहरे आदि की घोषणा की हो। अभी मुझे इस प्रयास में कुछ नई बात नहीं दिखती है। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने अपने दिल्ली दौरे में विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर उन्होंने बताया कि वह लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।
हाल ही में राज्य में महागठबंधन की सरकार गठित होने के पश्चात की गई दस लाख नौकरियों की घोषणा को लेकर भी उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला बोला। प्रशांत किशोर ने कहा, 17 साल सीएम रहने के बाद नीतीश कुमार को याद आया कि 10 लाख नौकरियां दी जा सकती हैं। तो अभी तक रुके हुए क्यों थे? पहले ही दे देना चाहिए था। लेकिन चलिए अब वह एक बड़े नेता हैं, आपको 'ए टू जेड' सब कुछ पता है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पीके ने कहा, आप दस लाख नौकरियां दे दीजिए हम अपने अभियान को वापस ले लेंगे और उनके पीछे खड़े होकर के उनको अपना नेता मान लेंगे और फिर से उनका काम करने लगेंगे। 12 महीने बीतने दें, फिर हम मैं पूछूंगा कि कौन 'एबीसी' जानता है और कौन 'एक्स वाई जेड' जानता है।