लाइव न्यूज़ :

बिहार में नगर निकाय चुनाव पर गरमाई सियासत, चुनाव की घोषणा के बाद भी फंसे हैं कई पेंच

By एस पी सिन्हा | Updated: December 1, 2022 17:22 IST

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के अति पिछड़ा आयोग के गठन पर सवाल खड़े किये हैं। इसे लेकर कई विवाद सामने आने लगे हैं। वहीं, दूसरी तरफ इस ऐलान के बाद अब बिहार कि राजनीति में इस ठंड के मौसम में भी गर्माहट आ गई है।

Open in App
ठळक मुद्देबिहार निकाय चुनाव का बिगुल एक बार फिर से बज चुका है।राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है।दो चरणों में बिहार नगरपालिका चुनाव का आयोजन कराया जाएगा।

पटना:बिहार निकाय चुनाव का बिगुल एक बार फिर से बज चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है। दो चरणों में बिहार नगरपालिका चुनाव का आयोजन कराया जाएगा। आगामी 18 दिसंबर और 28 दिसंबर को मतदान की तिथि निर्धारित की गई है। क्रमश: 20 और 30 दिसंबर को मतगणना होगी। हालाकि इस चुनाव की घोषणा के बाद भी अभी कई पेंच बाकी है। 

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के अति पिछड़ा आयोग के गठन पर सवाल खड़े किये हैं। इसे लेकर कई विवाद सामने आने लगे हैं। वहीं, दूसरी तरफ इस ऐलान के बाद अब बिहार कि राजनीति में इस ठंड के मौसम में भी गर्माहट आ गई है। इसी कड़ी में अब विधान परिषद् में नेता विरोधी दल सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ों के साथ बड़ा धोखा किया है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार अतिपिछड़ों के साथ मजाक करने का काम कर रहे हैं। यदि रिपोर्ट आने के बाद कमीशन बना था, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि डेडिकेटेड कमीशन बनाना है। लेकिन, नीतीश कुमार ने इस मामले में ईबीसी कमीशन बनाया, जिसमें इनके ही पार्टी के पधाधिकारी लोग शामिल थे। सम्राट ने कहा कि मेरा यह मांग था कि यदि कोई रिपोर्ट आया तो उस रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए था। 

इसी के आधार पर नया नोटिफिकेशन करना चाहिए था। इसके साथ ही इस रिपोर्ट के आधार पर किस जाती को जोड़ा गया, किस बिरादरी को हटाया गया और इस कारणों से हटाया गया? यह सब कुछ सार्वजनिक करना चाहिए था। इसलिए यह एक तरफ से बिहार कि जनता और अतिपिछड़ों के साथ बड़ा धोखा है। इस धोखा में नीतीश कुमार का पूरा हाथ है।

उधर, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म करने की भाजपाई साज़िश नाकाम हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में "सामाजिक न्याय के साथ विकास" के लिए संकल्पित सरकार ने नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को बरकरार रखते हुए चुनाव कराने का फैसला किया है। 

उन्होंने कहा कि चुनाव चल रहा था, लेकिन भाजपा के लोगों ने गलत तथ्यों के आधार पर कोर्ट के माध्यम बनाकर अति पिछड़ों का आरक्षण समाप्त करने की कोशिश की। थोड़ी देर के लिए बाधा आई, लेकिन अंतत: सरकार इस काम में सफल हुई। अंतिम रूप से चुनाव आयोग ने चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी है। इससे भाजपा का असली चेहरा उजागर होता है।

टॅग्स :बिहारBJPनीतीश कुमारजेडीयू
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

क्रिकेटवैभव सूर्यवंशी की टीम बिहार को हैदराबाद ने 7 विकेट से हराया, कप्तान सुयश प्रभुदेसाई ने खेली 28 गेंदों में 51 रन की पारी, जम्मू-कश्मीर को 7 विकेट से करारी शिकस्त

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारत अधिक खबरें

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो