बिहार में सियासी चाल जारी: विपक्ष के चाल पर चौकन्ने हुए सत्तापक्ष के नेता, भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा-राजद के कुछ नेता वफादारी...'
By एस पी सिन्हा | Published: January 2, 2021 06:04 PM2021-01-02T18:04:27+5:302021-01-02T18:22:53+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का बयान आने के बाद राजद नेताओं ने खुलकर यह दांव चलना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को अपने जन्मदिन पर पत्रकारों से बात करते हुए राबड़ी देवी ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो नीतीश कुमार को दोबारा महागठबंधन में शामिल करने के लिए राजद के नेता आपस में विचार-विमर्श कर निर्णय लेंगे
पटना: बिहार में कोई नया सियासी संकट न खड़ा होने देने को लेकर पक्ष और विपक्ष के नेता काफी सतर्क नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर उनकी पार्टी के तमाम नेता 'ऑल इज वेल' बताने में जुटे हैं. लेकिन विपक्ष है कि मानने को तैयार नहीं है. उनके नेता बार-बार एनडीए में नीतीश कुमार के अपमान का सवाल उठा रहे हैं और बताने पर तुले हैं कि बिहार में 'ऑल इज नॉट वेल'. ऐसे में सूबे में जारी सियासी संकट और राजद की ओर से जारी लगातार बयानबाजी पर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है.
सुशील मोदी ने भाजपा के उन नेताओं पर निशाना साधा है, जो लगातार राजद की ओर से बयान दे रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा है कि कुछ राजद के कुछ नेता वफादारी साबित करने में लगे हैं. सुशील मोदी की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव की पार्टी अपने दर्जन भर एमएलए-एमएलसी को जदयू में जाने से नहीं रोक पाई, जिसके बाद 10 लाख लोगों को एक झटके में सरकारी नौकरी देने का अव्यावहारिक वादा नकार दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि 'गरीबों-मजदूरों, युवाओं-महिलाओं ने जिस पार्टी के अनुभवहीन वंशवादी नेतृत्व को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया, उसका कोई न कोई शख्स एनडीए के विधायक तोड़ने के नित नये बड़बोले दावे कर अपनी लॉयल्टी साबित कर रहे हैं.
इनमें कोई राजनीतिक सच्चाई नहीं.' इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नये साल 2021 के पहले दिन मुख्य सचिवालय स्थित अपने कक्ष में दिन भर तीन विभागों की समीक्षा के बाद बाहर आये तो पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में कोई सियासी संकट तो नहीं दिख रहा है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कहीं कोई सियासी संकट नहीं है. हम जनता की सेवा करना अपना धर्म समझते हैं.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का बयान आने के बाद राजद नेताओं ने खुलकर यह दांव चलना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को अपने जन्मदिन पर पत्रकारों से बात करते हुए राबड़ी देवी ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो नीतीश कुमार को दोबारा महागठबंधन में शामिल करने के लिए राजद के नेता आपस में विचार-विमर्श कर निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा था कि भाजपा बिहार में भी वही कर सकती है, जो उसने अरुणांचल में किया. भाजपा जब कर देती है तब पता चलता है. इसके बाद आज राजद विधायक वीरेन्द्र भाई ने इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि नीतीश कुमार हमारे थे और आगे भी हमारे रहेंगे. आज मीडियाकर्मियों से बातचीत में भाई वीरेंद्र ने कहा कि एनडीए में नीतीश कुमार को अपमानित किया जा रहा है. उन्होंने लालू यादव जी के सानिध्य में राजनीति की है. उनके और लालू जी के संबंध अच्छे रहे हैं. राजद नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने जो बात कही है वो इस महीने से लेकर अगले महीने तक सच साबित होगी.
उधर, जदयू और भाजपा में राजद के ऐसे बयानों के खिलाफ प्रतिक्रियाओं का दौर भी तेज हो गया है. इस बीच साल के पहले दिन से पटना की सड़कों, प्रमुख चौराहों पर जगह-जगह पोस्टर लगाकर जदयू और भाजपा में टकराव दिखाने की कोशिशें भी तेज हो गईं हैं. इनमें से कई पोस्टरों पर नीचे राजद नेताओं के फोटो और नाम हैं, जिनसे पता चल रहा है कि पोस्टर किसने लगवाए हैं. इन पोस्टरों में भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सी काटते दिखाया गया है. इसपर जदयू ने कहा है कि राजद और कांग्रेस सत्ता में आने के लिए परेशान है. इसी परेशानी में तरह-तरह की बयानबाजियों के साथ ही हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जो सफल नहीं होने वाले हैं. जदयू नेता अजय आलोक ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जिसके नेता दिल्ली में नया साल मना रहे हैं, उनकी क्या बात की जाए.